पटना: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्मार्ट मीटर का विरोध किया और 1 अक्टूबर को इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी। इस बयान के बाद, बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि जगदानंद सिंह के घर में जब से स्मार्ट मीटर लगाया गया है, तब से उनका बिजली बिल 17 प्रतिशत कम हो गया है।
इस बीच, आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर फेसबुक लाइव के जरिए बिहार सरकार की आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक करीब 50 लाख उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, लेकिन लोग इससे संतुष्ट नहीं हैं। फिर भी सरकार बचे हुए 2 करोड़ उपभोक्ताओं को भी स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर अड़ी हुई है। तेजस्वी ने सरकार की “जिद” पर सवाल खड़ा किया और कहा कि जब जनता इस योजना से खुश नहीं है, तो सरकार इसे लागू करने पर क्यों अड़ी है?
राजद करेगी जनता की आवाज उठाने का काम
तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक लाइव में कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजद जनता की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि राजद का यह मानना है कि उपभोक्ताओं को उतना ही बिल चुकाना चाहिए, जितनी बिजली उन्होंने वास्तव में उपयोग की है। उन्होंने सरकार और बिजली विभाग पर उपभोक्ताओं की समस्याओं को अनदेखा करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता की शिकायतों को सुने और समाधान निकाले।
स्मार्ट मीटर की खामियों पर सवाल
तेजस्वी यादव ने स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से किसी प्रकार का अलर्ट मैसेज नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ता का बैलेंस खत्म होने वाला होता है, तब भी उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी जाती और बिजली अचानक काट दी जाती है। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की नीति की कड़ी आलोचना की और कहा कि राजद इस मुद्दे पर जनता की समस्याओं को लेकर संघर्ष करने की तैयारी कर रही है।
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स्मार्ट मीटर क्या है?
स्मार्ट मीटर एक डिजिटल डिवाइस है जो बिजली खपत को मापता है। इसे मैन्युअल रूप से रीड करने की आवश्यकता नहीं होती और यह इंटरनेट के जरिए सीधे बिजली कंपनियों के सर्वर से जुड़ा होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बिजली चोरी को रोकने में मदद करता है और बिजली आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बनाए रखना आसान होता है। हालांकि, बिहार में इसको लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है, और यही कारण है कि राजद इसके खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है।
स्मार्ट मीटर योजना पर उठते इन सवालों के बीच अब देखना होगा कि बिहार सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति कितनी और गरमाती है।