क्या आपके फ्रिज को भी स्टेबलाइजर की जरूरत है या नहीं? ये सवाल हर उस यूज़र के मन में आता है जो नया फ्रिज खरीद रहा है या पुराने को लंबे समय तक इस्तेमाल करना चाहता है। तो आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब और समझते हैं कि स्टेबलाइजर क्यों ज़रूरी है।
Fridge में स्टेबलाइजर क्यों होता है ज़रूरी?
जैसे AC के साथ स्टेबलाइजर लगाना आम बात है, वैसे ही फ्रिज में भी वोल्टेज की समस्या होने पर स्टेबलाइजर का होना बेहद जरूरी है। मार्केट में आजकल इन-बिल्ट स्टेबलाइजर वाले फ्रिज मिलने लगे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि एक्सटर्नल स्टेबलाइजर की जरूरत ही नहीं रही।
अगर आप ऐसे एरिया में रहते हैं जहां वोल्टेज अक्सर ऊपर-नीचे होता रहता है, तो स्टेबलाइजर आपके फ्रिज को बचाने में बहुत मददगार हो सकता है।
बिना स्टेबलाइजर फ्रिज चलाने के नुकसान
- ज्यादा वोल्टेज की वजह से फ्रिज के कंप्रेसर और मोटर पर बुरा असर पड़ सकता है।
- कम वोल्टेज से फ्रिज की कूलिंग पर असर होता है और कंप्रेसर पर ज़रूरत से ज्यादा लोड पड़ता है।
- बार-बार खराबी आने से रिपेयरिंग का खर्च बढ़ जाता है।
- लो वोल्टेज के चलते फ्रिज की लाइफ कम हो सकती है।
स्टेबलाइजर का काम क्या होता है?
स्टेबलाइजर पीछे से आ रही वोल्टेज फ्लक्चुएशन को कंट्रोल करता है। यह एक सेफ्टी डिवाइस की तरह काम करता है, जिससे आपका फ्रिज हमेशा एक स्थिर वोल्टेज पर चलता है।
कब जरूरी है एक्सटर्नल स्टेबलाइजर?
- अगर आपका फ्रिज पुराना मॉडल है।
- नया फ्रिज है, लेकिन इन-बिल्ट वोल्टेज स्टेबलाइजर का फीचर नहीं है।
- आप ऐसे एरिया में रहते हैं जहां वोल्टेज फ्लक्चुएट करता है।
ध्यान दें: अगर आपके फ्रिज में इन-बिल्ट स्टेबलाइजर है, तब भी एक्सटर्नल स्टेबलाइजर लगाने से उसे डबल प्रोटेक्शन मिलती है।
निष्कर्ष
आज के दौर में जब बिजली की स्थिति हर जगह एक जैसी नहीं है, फ्रिज में स्टेबलाइजर लगाना एक स्मार्ट चॉइस है। ये आपके फ्रिज को लंबे समय तक सुरक्षित और बढ़िया कूलिंग देने में मदद करता है।