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Budget 2025: किसानों के लिए खुशखबरी, क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख रुपये तक हो सकती है

Budget 2025: आगामी बजट 2025 में किसानों के लिए राहतभरी खबर आ सकती है। सरकार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और ग्रामीण मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है। केसीसी की लिमिट में पिछला बदलाव काफी समय पहले हुआ था, और इसकी वृद्धि की मांग लंबे समय से की जा रही थी।

किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम की शुरुआत

किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम 1998 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को शॉर्ट-टर्म लोन उपलब्ध कराना है, जिससे वे खेती और उससे जुड़े कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें। इस स्कीम के तहत किसानों को 9% की ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। इसके साथ ही सरकार द्वारा लोन पर 2% की ब्याज छूट दी जाती है। जो किसान समय पर लोन का भुगतान करते हैं, उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है। इस तरह, समय पर भुगतान करने वाले किसानों के लिए लोन की प्रभावी ब्याज दर मात्र 4% रह जाती है।

30 जून 2023 तक, इस स्कीम के तहत 7.4 करोड़ से अधिक किसानों को लोन दिया गया था, जिन पर 8.9 लाख करोड़ रुपये का बकाया था।

किसानों की बढ़ती जरूरतें और मांग

विशेषज्ञों का कहना है कि खेती की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके विपरीत, किसानों को मिलने वाले लोन की लिमिट में कई वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिनटेक फर्म एडवारिस्क के सह-संस्थापक और सीईओ विशाल शर्मा ने कहा कि अगर केसीसी की लिमिट को बढ़ाया जाता है, तो इससे कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इससे किसानों की जीवनशैली में सुधार होगा और वे समय पर कर्ज का भुगतान करने में सक्षम होंगे।

पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए भी लोन की जरूरत

नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य छोटे किसानों को राहत देना है। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर का मतलब केवल फसल उगाना नहीं है, बल्कि पशुपालन और मत्स्यपालन जैसे कार्य भी इसमें शामिल हैं। इनसे जुड़े लोगों को भी सब्सिडी वाले कर्ज की आवश्यकता होती है। नाबार्ड वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर एक अभियान चला रहा है, ताकि पशुपालन और मत्स्यपालन करने वाले लोगों को भी लोन की सुविधा मिल सके।

किसानों को कितने क्रेडिट कार्ड जारी हुए

नाबार्ड के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक को-ऑपरेटिव बैंकों और रीजनल रूरल बैंकों ने 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए थे, जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपये थी। डेयरी किसानों को 11.24 लाख कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी लिमिट 10,453.71 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, 65,000 किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्यपालकों को जारी किए गए थे, जिनकी क्रेडिट लिमिट 341.70 करोड़ रुपये थी।

संभावित प्रभाव

यदि बजट 2025 में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है, तो इससे किसानों को न केवल खेती के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। इसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में उत्पादन और आय में वृद्धि होगी, जिससे किसानों का जीवन स्तर बेहतर होगा।

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