पटना। बिहार में आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब जहां से लर्निंग लाइसेंस बनेगा, वहीं से स्थायी लाइसेंस भी निर्गत किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने राज्य के सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी को पत्र भेजा है। साथ ही सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में चालक प्रशिक्षण संस्थान खोलने का निर्देश भी दिया गया है। इस बदलाव के कारण हजारों लोगों का लाइसेंस का आवेदन फंस सकता है।
अब तक नहीं थी कोई बाध्यता
मालूम हो कि बिहार में लर्निंग और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कोई बाध्यता नहीं थी। किसी जिले से लर्निंग और किसी अन्य से स्थायी लाइसेंस बनवाया जा सकता था। वेबसाइट पर कहीं से लर्निंग और कहीं से स्थायी लाइसेंस बनवाने का ऑप्शन था। नतीजा यह होता था कि आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट अनिवार्य वाले जिले से लर्निंग लाइसेंस बनवाकर आवेदक दूसरे जिले में बिना टेस्ट दिए स्थायी लाइसेंस बनवा लेते हैं। उन्हें वाहन चलाने का पूरा अनुभव नहीं हो पाता। आवश्यक जानकारी भी नहीं हो पाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। अब इसका आप्शन ही खत्म कर दिया गया है। अब जहां से लर्निंग लाइसेंस बनेगा, उसी जिले से स्थायी लाइसेंस भी बनवाना होगा। इसको लेकर परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया है कि साफ्टवेयर में इस बाबत आवश्यक बदलाव कर लें।
सड़क हादसों की संख्या में वृद्धि पर विभाग गंभीर
सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समीक्षा में यह बड़ी बात सामने आई कि हादसे का प्रमुख कारण वाहन चालकों का पूर्ण प्रशिक्षित होना नहीं है। उन्हें यातायात के सामान्य नियमों की जानकारी भी नहीं हो पाती है। नतीजा होता है कि जब वे वाहन चलाते हैं तो या तो किसी को हादसे का शिकार बना देते हैं या खुद बन जाते हैं। कई बार ये हादसे का कारण भी बन जाते हैं। ऐसे में चालकों को पूर्ण प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से विभाग ने यह पहल की है। निर्देश दिया है कि सभी जिले में पर्याप्त संख्या में चालक प्रशिक्षण संस्थान खुलवाने की दिशा में काम करें। बिना निबंधन चल रहे ड्राइविंग स्कूलों में शिकंंजा भी कसें।