नई दिल्ली: अशनीर ग्रोवर ने फिनटेक भारतपे के एमडी (MD) के पद से इस्तीफा दे दिया है. अशनीर ग्रोवर, सिंगापुर में मध्यस्थता भी खो चुके हैं, उन्होंने अपने खिलाफ जांच शुरू करने के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म के खिलाफ याचिका दायर की थी.
इस्तीफे में छलका अशनीर ग्रोवर का दर्द
फिनटेक यूनिकॉर्न को भेजे इस्तीफे में अशनीर ग्रोवर ने लिखा कि उनके साथ अपमानजनक तरीके से व्यवहार किया गया और उन्हें बदनाम किया गया. वो इस बात से दुखी हैं कि उन्हें कंपनी से अलग होने के लिए मजबूर किया गया.
बता दें कि अशनीर ग्रोवर ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में मध्यस्थता याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में, अशनीर ग्रोवर ने दलील दी कि उनके खिलाफ जांच अवैध थी क्योंकि इसने शेयरधारक समझौते और एसोसिएशन के आर्टिकल्स का उल्लंघन किया.
कांटों से भरी है अशनीर ग्रोवर की राह
अशनीर ग्रोवर के लिए आगे की राह कांटों से भरी है क्योंकि फिनटेक प्लेटफॉर्म में शीर्ष निवेशक अपनी 8.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने और कंपनी छोड़ने के लिए उनकी तरफ से मांगे गए 4,000 करोड़ रुपये देने के लिए एक इंच भी पीछे नहीं हट रहे हैं. उनके अनुसार, अशनीर ग्रोवर का मूल्यांकन जमीनी हकीकत से दूर है क्योंकि कंपनी के अनुमान के मुताबिक 6 अरब डॉलर नहीं है. 2.85 अरब डॉलर के मूल्यांकन और मौजूदा डॉलर-रुपये की विनिमय दर पर उनकी हिस्सेदारी करीब 1,824 करोड़ रुपये होगी.
जान लें कि फिनटेक प्लेटफॉर्म भारतपे ने उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को उनके कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए बर्खास्त कर दिया था.
एक प्रमुख मैनेजमेंट एडवाइजर और रिस्क एडवाइजर फर्म, अल्वारेज और मार्सल, इस सप्ताह ग्रोवर के समय के दौरान फर्म में वित्तीय अनियमितताओं पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं. ग्लोबल ऑडिट फर्म पीडब्ल्यूसी को भी ग्रोवर के कार्यकाल के दौरान फिनटेक प्लेटफॉर्म के कामकाज की ऑडिटिंग में शामिल किया गया था. भारतपे के प्लेटफॉर्म पर फिलहाल 8 मिलियन मर्चेंट हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)