हाजिपुर: बिहार में लागू शराबबंदी कानून के तहत निर्दोष को फंसाने का मामला कई बार सामने आ चुका है. कानून के झूठे फंदे में फंसकर कई लोग सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं. ऐसा ही एक मामला प्रदेश के वैशाली जिले में भी सामने आया है. हालांकि, यहां पुलिस की सूझबूझ के कारण निर्दोष सजा से बच गया. वहीं, असली दोषी सलाखों के पीछे पहुंच गया. दरअसल, हाजीपुर के सराय में एक निलंबित सरकारी अफसर ने अपने दवा व्यवसायी भतीजे को फंसाने के लिए फर्जी कहानी रची थी.
सूचना के आलोक में पुलिस ने अधिकारी द्वारा बताए गए ठिकानों पर छापेमारी कर शराब बरामद की. इसी बीच जब शराब की सूचना देने वाले व्यक्ति को छापेमारी कर रहे पुलिस ने फोन किया, तो फोन का घंटी छापेमारी हो रही मकान में ही बजने लगी. ऐसे में पुलिस हैरत में आ गई और मामले की बारीकी से जांच की. जांच में ये बात सामने आई कि भतीजे को शराब मामले में फंसाने की साजिश चाचा ने ही रची थी. साजिश रचने की वजह जमीन विवाद है.