DESK: कानपुर टेस्ट में पहले तीन दिन तो बारिश का खलल रहा लेकिन चौथे दिन बांग्लादेश के बाएं हाथ के बल्लेबाज मोमिनुल हक ने अपनी बैटिंग से बांग्लादेशी फैंस का दिल जीत लिया. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कानपुर टेस्ट की पहली पारी में शानदार सेंचुरी लगाई. मोमिनुल ने भारत की मजबूत गेंदबाजी का डटकर सामना करते हुए शतक लगाया. मोमिनुल ने टेस्ट करियर में 13वीं बार सैकड़ा लगाने का कारनामा किया. बता दें कानपुर टेस्ट में ऋषभ पंत इस खिलाड़ी के कद का मजाक उड़ा रहे थे लेकिन इस खिलाड़ी ने अपनी दमदार बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया.
पंत ने उड़ाया था कद का मजाक
मोमिनुल हक का कद सिर्फ 5 फीट 2 इंच है. कानपुर टेस्ट के पहले दिन अश्विन की गेंद पर स्वीप करते हुए गेंद मोमिनुल के हेलमेट पर लगी थी. इसके बाद पंत ने विकेट के पीछे से कहा कि हेलमेट पर गेंद मारकर भी LBW लिया जा सकता है. वैसे पंत ने ये बात मोमिनुल का ध्यान भंग करने के लिए कही थी लेकिन बाएं हाथ का ये बल्लेबाज विकेट पर जमा रहा और इस खिलाड़ी ने भारत के खिलाफ पहली बार टेस्ट शतक जड़ा.
मोमिनुल हक ने कैसे लगाया शतक
मोमिनुल हक उस वक्त क्रीज पर आए थे जब बांग्लादेश ने अपने ओपनर जाकिर हसन को 26 के स्कोर पर खो दिया था. इसके बाद नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए मोमिनुल ने गजब का संयम दिखाया. उन्होंने खासतौर पर अश्विन का बेहतरीन अंदाज में सामना किया. चेन्नई टेस्ट में मोमिनुल को अश्विन से काफी दिक्कत हो रही थी लेकिन कानपुर में हालात जुदा नजर आए. मोमिनुल ने अपने अर्धशतक के लिए 110 गेंद ली और अगली 62 गेंदों में वो शतक तक पहुंच गए. अपनी पारी में मोमिनुल ने एक छक्का और 16 चौके लगाए. लंच तक मोमिनुल 102 रनों पर नाबाद रहे.
Rishabh Pant when Mominul was batting:
"Helmet se ek LBW le sakta hain bhai tu (you can take LBW from his helmet)". 😄pic.twitter.com/ghPBaJIbiw
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) September 30, 2024
मोमिनुल हक को मिला किस्मत का साथ
मोमिनुल हक ने शतक तो लगाया लेकिन इस दौरान उन्हें किस्मत का साथ भी मिला. मोमिनुल हक का एक कैच अश्विन की गेंद पर ऋषभ पंत ने छोड़ा उस वक्त मोमिनुल 93 रन पर खेल रहे थे. इसके बाद जब मोमिनुल 95 रन पर थे तो सिराज की गेंद पर विराट कोहली ने उनका कैच छोड़ दिया. हालांकि स्लिप पर आया ये कैच बेहद मुश्किल था.
मोमिनुल हक का ये शतक है खास
मोमिनुल हक का ये शतक इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले 20 सालों में पहली बार किसी विदेशी बल्लेबाज ने कानपुर में शतक लगाया है. इससे पहले साल 2004 में कानपुर में एंड्रयू हॉल ने टेस्ट सेंचुरी जड़ी थी. और पिछले 40 सालों में सिर्फ दो ही बल्लेबाजों ने कानपुर में टेस्ट सेंचुरी लगाई है, जिसमें मोमिनुल हक का नाम भी शामिल है.