मेलबर्न. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) इन दिनों घोर दबाव में होंगे, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं. वह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2024-25) सीरीज की चार पारियों में सिर्फ 22 रन ही बना पाए हैं और उनका सर्वोच्च स्कोर सिर्फ 10 रन ही है. वह सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ शुरू हुए टेस्ट सीजन में अब तक कोई खास कमाल नहीं कर पाए हैं और 13 टेस्ट पारियों में सिर्फ एक ही हाफ सेंचुरी जमा पाए हैं. ऐसे में वह मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में फ्लॉप हुए तो उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई जो लाजमी भी हैं.
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने ‘7 क्रिकेट’ के लिए कॉमेंट्री के दौरान कहा, ‘उसके लिए कठिन समय है.’ उन्होंने कहा, ‘अभी दूसरी पारी और सिडनी टेस्ट की दो पारियां बाकी है. इन तीनों पारियों में अगर वह रन नहीं बनाता है तो सवाल तो उठेंगे.’ पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद पर यहां चौथे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय कप्तान के तीन रन पर आउट होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि वह टेस्ट क्रिकेट से विदा कब लेंगे.
नेशनल सिलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष अजित अगरकर (Ajit Agarkar) इन दिनों मेलबर्न में हैं और हो सकता है कि दोनों की भविष्य को लेकर बात भी हुई हो क्योंकि भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है. पिछले 8 टेस्ट की 14 पारियों में 11.07 की औसत से रोहित ने सिर्फ 155 रन बनाए हैं. एक तो वह फॉर्म में नहीं हैं और स्थिर लग रही ओपनिंग जोड़ी में बदलाव करके टीम का संतुलन भी बिगड़ गया है. ऐसी अटकलें हैं कि अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल (ICC WTC Final 2023-25) के लिए क्वॉलीफाई नहीं कर पाता है तो सिडनी उनके करियर का आखिरी टेस्ट होगा.
लेकिन क्या रोहित टीम के लिए सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर रखकर फॉर्म में चल रहे केएल राहुल को यशस्वी जायसवाल के साथ पारी का आगाज करने देंगे. भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने आईपीएल में अपने खेलने के दिनों में एक बार खुद को बाहर कर दिया था.
अगर रविचंद्रन अश्विन को यह जताकर संन्यास लेने के लिए विवश किया जाता है कि वह विदेश में पहली पसंद के दो स्पिनरों में से नहीं हैं तो क्या भारतीय कप्तान को यह नहीं बताना चाहिए कि वह टेस्ट में शीर्ष छह में नहीं हैं, जिनकी जगह टीम में पक्की है.
सात सप्ताह बाद वनडे फॉर्मेट में चैम्पियंस ट्रॉफी खेली जानी है और वनडे में रोहित का कोई सानी नहीं. मौजूदा खराब फॉर्म से उनका मनोबल गिरा होगा लेकिन अगर टेस्ट की जिम्मेदारी हट जाती है तो वह खुलकर खेल सकेंगे. रोहित और विराट कोहली दोनों ही खराब फॉर्म में हैं लेकिन अंतर इतना है कि क्रीज पर दोनों कैसे दिखते हैं.
कोहली को देखकर अभी भी लगता है कि वह जल्दी ही बड़ी पारी खेलेंगे और पर्थ में उन्होंने शतक जमाया भी. बतौर कप्तान भी अभी तक इस सीरीज में उन्होंने बहुत प्रभावित नहीं किया है. लिहाजा कप्तान को जल्दी ही फैसला लेना होगा. शायद उनकी टीम इसका इंतजार कर रही है.
(इनपुट: भाषा)