Mahalaxmi Vrat 2024 Katha: महालक्ष्मी व्रत के दिन पूजा के समय जरूर पढ़ें ये कथा, संतान सुख की होगी प्राप्ति!
Mahalaxmi Vrat 2024 Pujan: हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए महालक्ष्मी का व्रत बहुत ही महत्व रखता है. ये व्रत धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. महालक्ष्मी व्रत में विधि-विधान से पूजन किया जाता है. इस व्रत के रखने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. इसके साथ ही सुहागिन महिलाओं को संतान के अच्छे जीवन का आशीर्वाद मिलता है. ये व्रत सिर्फ केवल उन्हीं महिलाओं द्वारा रखा जाता है, जिनके संतान होती हैं.
पंचांग के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत पर अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 24 सितंबर की शाम 5 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो जाएगा. ऐसे में यह व्रत 24 सितंबर को ही रखा जाएगा, चूंकि महालक्ष्मी व्रत की सप्तमी तिथि 25 सितंबर की शाम 4 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. ऐसे में कुछ महिलाएं अपनी सुविधा के अनुसार इस दिन भी व्रत रख सकती हैं.
महालक्ष्मी व्रत कथा | Mahalaxmi Vrat Katha
प्राचीन समय में एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था. वह भगवान विष्णु का भक्त था. वह नियमित रूप से श्री विष्णु की पूजा करता था. एक बार श्रीहरि ने उस ब्राह्मण की पूजा से प्रसन्न होकर उसे वर मांगने को कहा. तब ब्राह्मण ने इच्छा जाहिर की कि लक्ष्मी जी का निवास उसके घर में हो. यह सुनकर विष्णु जी ने लक्ष्मी जी की प्राप्ति का मार्ग ब्राह्मण को बताया.
विष्णुजी ने कहा कि मंदिर के सामने एक स्त्री आती है जो यहां आकर उपले थोपती है. उसे अपने घर आने का निमंत्रण दो. वह धन की देवी है. जब लक्ष्मी जी तुम्हारे घर आएंगी तो तुम्हारा घर धन-धान्य से भर जाएगा. इतना कहकर विष्णु जी ध्यानमग्न हो गए. अगले दिन सुबह 4 बजे से ही मंदिर के सामने ब्राह्मण आकर बैठ गया. कुछ ही देर में लक्ष्मी जी उपले थापने वहीं आईं.
ब्राह्मण ने उनसे उसके घर आने का निवेदन किया. यह सुन लक्ष्मी जी समझ गई कि यह सब विष्णु जी ने ही उसे करने के लिए कहा है. तब उन्होंने ब्राह्मण से कहा कि तुम महालक्ष्मी व्रत करो. यह व्रत 16 दिनों तक व्रत करने और 16वें दिन रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही तुम्हारा मनोरथ पूरा होगा.
इसके बाद लक्ष्मी जी की पूजा कर ब्राह्मण ने देवी को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पुकारा. उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां ने अपना वचन पूरा किया. तब से ही यह व्रत पूरी श्रद्धा से किया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
महालक्ष्मी व्रत मंत्र जाप | Mahalaxmi Vrat Mantra Jaap
“ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करते हुए मन को एकाग्र करें.
महालक्ष्मी व्रत का महत्व | Mahalaxmi Vrat Ka Mahatva
हिन्दू धर्म में महालक्ष्मी व्रत पूरे 16 दिनों तक रखा जाता है. हालांकि यह निर्जला व्रत नहीं होता है, लेकिन अन्न ग्रहण करने की मनाही होती है. आप इस व्रत में फलाहार कर सकते हैं. 16वें दिन व्रत का उद्यापन किया जाता है. यदि आप 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत करने में असमर्थ हैं तो शुरुआत के 3 या आखिर के 3 व्रत रख सकते हैं. इससे लोगों की सभी मनोकामएं जल्द ही पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. topbihar.com भारतवर्ष इसकी पुष्टिनहींकरताहै.)