पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। आज पटना में महागठबंधन की एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट पार्टियां हिस्सा लेंगी। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर साझा रणनीति, सीट बंटवारे, सीएम फेस और कॉमन एजेंडा प्रोग्राम जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।
2 दिन पहले दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर आरजेडी और कांग्रेस के बीच जो मीटिंग हुई थी, उसके बाद पटना में होने वाली ये बैठक और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुख्य मुद्दे होंगे: सीट बंटवारा, सीएम फेस और समन्वय समिति
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में एक समन्वय समिति के गठन की भी चर्चा होगी, जो चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देगी। इसके अलावा कांग्रेस और वीआईपी द्वारा सीटों की मांग को लेकर जो बयानबाज़ी हुई है, उस पर भी बातचीत होने की संभावना है।
सीएम फेस पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी, जहां आरजेडी तेजस्वी यादव को आगे करने की कोशिश में है, लेकिन कांग्रेस अभी तक राज़ी नहीं दिख रही है।
सीट शेयरिंग बना विवाद का कारण
- महागठबंधन में 50 से 70 सीटों को लेकर तनातनी चल रही है।
- आरजेडी कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें देने के मूड में नहीं है।
- वहीं, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उसे कम से कम 70 सीटें चाहिए।
- कांग्रेस चाहती है कि उपमुख्यमंत्री का पद उसे मिले — जो आरजेडी को मंजूर नहीं है।
इस पेंच को सुलझाने के लिए ही आज 17 अप्रैल को पटना में इस उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया है।
बिहार में ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहना चाहती है RJD
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरजेडी इस चुनाव में खुद को बड़े भाई के रूप में पेश करना चाहती है और अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक आरजेडी ने अपने कई उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश दे दिया है।
जातिगत समीकरण और वोट बैंक को लेकर आरजेडी और कांग्रेस दोनों अपनी-अपनी पोजिशन पर अड़े हुए हैं, जिससे गठबंधन की राह मुश्किल होती दिख रही है।