पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार पर हमलावर हैं. मंगलवार को बिहार बचाओ मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाने को लेकर उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस किया और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि चलाइये मुख्यमंत्री जी जितनी गोलियां चलानी है पर इस बात को गांठ बांध लीजिए कि ये आगाज था.
चिराग पासवान ने कहा कि जितनी पुलिस प्रशासन इस मार्च को रोकने में लगाया गया था, वहीं पुलिस प्रशासन को नीतीश कुमार बिहार में बढ़ते अपराध, जहरीली शराब से हो रही मौत और क्राइम की रोकथाम में लगाते तो आज का दृश्य कुछ और ही होता. मैं शेर का बच्चा हूं लाठी गोली से नहीं डरता हूं. नीतीश सरकार की हर गोली और लाठी मैं और मेरे कार्यकर्ता अपने सीने पर खाने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि, ‘मैंने बिहार बचाओ मार्च की राजधानी पटना के जेपी गोलंबर से शुरुआत की थी. साल 1974 में जयप्रकाश नारायण ने एक आंदोलन की शुरुआत यहीं से की थी जिसमें कई छात्र नेता उभरे थे. उनमें से मेरे पिता भी एक थे. नीतीश कुमार खुद को छात्र राजनीति के नेता बताते हैं. मुझे लगता है कि वह छात्र राजनीति के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं नहीं तो वह छात्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठियां नहीं चलाते. अगर छात्र आंदोलन के दौरान नीतीश कुमार ने लाठियां खाई होती तो, छात्रों की समस्या को समझते, नीतीश कुमार झूठ बोल रहे हैं.’
चिराग पासवान ने कहा कि, बिहार में बदलाव की ईंट 15 फरवरी को लोजपा रामविलास के द्वारा रख दी गई है. अब किसी भी समय मध्यवर्ती चुनाव संभव है. यह बदलाव नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाकर बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के तहत से काम करेगी. चिराग पासवान कहीं ना कहीं बिहार में इन दिनों सक्रिय राजनीति में सख्त नजर आ रहे हैं.
जो काम बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी को करनी चाहिए थी, वह मौजूदा समय में चिराग पासवान को करना पड़ रहा है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि शेल्टर होम की बच्चियों के साथ हुए दुर्व्यवहार को कौन भूल सकता है. जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है और सरकार खुद बिहारवासियों को नशे की ओर धकेल रही है. बिहार में अपराध चरम पर है और सरकार नींद से सोई हुई है.