राजनीति

राजनीतिक मंच पर तेजस्वी ने क्यों किया पत्नी का जिक्र, जातिवाद के आरोपों पर देनी पड़ी सफाई

DESK: राजनीति में ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब कोई नेता अपनी शादी और पत्नी का जिक्र सार्वजनिक और राजनीतिक मंच पर करता नजर आए. राजनेता आमतौर पर सार्वजनिक मंचों पर अपनी शादी, पत्नी या निजी जिंदगी के बारे में चर्चा करने से बचते हैं. लेकिन बीते दिनों बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) राजनीतिक मंच पर अपनी शादी और पत्नी रशेल की चर्चा करने लगे. आखिर ऐसा क्या हुआ?

‘जातिवादी होते तो ईसाई धर्म में शादी क्यों करते’

दरअसल, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने ऊपर लगे जातिवादी होने के आरोपों पर सफाई दे रहे थे. राजनीतिक मंच से तेजस्वी अपनी शादी और ईसाई पत्नी का जिक्र करते दिखे. तेजस्वी ने कहा, “भाई, लोग हमें जातिवादी कहते हैं… मेरी पत्नी ईसाई धर्म की है. अगर हम जातिवादी होते तो ईसाई धर्म में शादी क्यों करते. लेकिन ये कहने लायक नहीं है. अमित शाह आए और बोलें कि (आरक्षण)” यादव और मुस्लिम बढ़ गए हैं, झूठ बोलना उन लोगों का काम है.”

बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातीय जनगणना

आपको बता दें कि कल डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने कैबिनेट के कई मंत्रियों के साथ सोनपुर मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे. वह जनता के बीच बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातीय जनगणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाने का मास्टरस्ट्रोक गिना रहे थे. लेकिन जब जाति जनगणना और आरक्षण में अपनी जाति को दिए गए लाभ और उससे जुड़े आरोपों पर सफाई देने का समय आया तो तेजस्वी अपनी पत्नी को राजनीतिक भाषण के बीच में ले आए. जातिवाद के आरोपों पर तेजस्वी खुद को निर्दोष बताते हुए सफाई देते नजर आए कि वह जातिवादी नहीं हैं. उन्होंने एक ईसाई लड़की से शादी की है.

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