राजनीति

जदयू ने पटना बैठक रद्द होने पर घेरा कांग्रेस को, नीतीश ने कहा, ‘कांग्रेस के कारण टली बैठक’

दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जून को प्रस्तावित विपक्षी दलों की पटना बैठक रद्द होने पर कहा कि बैठक तो तय थी और अन्य विपक्षी दल सहमत भी थे लेकिन चूंकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बैठक में शामिल होने पर असमर्थता जताई, इस कारण बैठक को रद्द करना पड़ा। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बैठक के लिए अब नई तारीख पर विचार चल रहा है, कांग्रेस समेत सभी दलों से पूछा गया है। सभी विपक्षी दलों के नेताओं को पटना आना है और इसके लिए जल्द ही नई सूचना जारी की जाएगी।

नीतीश कुमार ने यह टिप्पणी उस दिन आई जब वो रविवार को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ढहने पर पत्रकारों के सवालों का सामना कर रहे थे। वहीं कांग्रेस की ओर से मीडिया से बात करते हुए बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा, “मैंने रविवार को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से बात की। वह चाहते हैं कि सभी दलों के प्रमुख जो निर्णय लेने में सक्षम हैं, वे 12 जून को बैठक में भाग लें। ऐसा नहीं हुआ। इसलिए सभी से बात करने के बाद तय किया गया कि 22 जून के बाद पटना में विपक्षी दल के नेताओं की बैठक आयोजित हो।”

कांग्रेस की ओर से यह टिप्पणी मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा पटना में मीडिया से बात करने के बाद आई। जिसमें नीतीश ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर अधिकांश विपक्षी राजनीतिक दलों ने 12 जून को पटना में मिलने के लिए सहमति व्यक्त की थी।

नीतीश कुमार ने कहा, “कांग्रेस नेतृत्व पटना को लेकर सहज नहीं था। चूंकि, कांग्रेस के बिना विपक्षी नेताओं के मिलने का कोई मतलब नहीं था, इसलिए मैंने उनसे बैठक की नई तारीख पर चर्चा करने और फिर एक तारीख तय करने के लिए कहा है। हम हर विपक्षी राजनीतिक दल के साथ तारीखों का मिलान करेंगे और फिर बैठक के बारे में फैसला करें। अभी के लिए 12 जून को निर्धारित बैठक स्थगित कर दी गई है।”

वहीं कांग्रेस के बयान के इतर जेडीयू नेता ने कहा कि 12 जून को पटना में होने वाली बैठक के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने के बाद ही समान विचारधारा वाले दलों की बैठक बुलाई गई थी।

नीतीश कुमार को बताया गया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 10 जून को अमेरिका से लौट आएंगे, जिसके बाद 12 जून की तारीख तय की गई थी।  इसके बाद ही जेडीयू नेता नीतीश ने सपा के अखिलेश यादव, तृणमूल के ममता बनर्जी, एनसीपी के शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे कई नेताओं को आमंत्रित किया था और साथ ही अन्य दलों के नेताओं ने भी बैठक में भाग लेने के लिए अपनी हरी झंडी दी।

हालांकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने उस वक्त ही 12 जून को अपनी व्यस्तताओं का हवाला दिया और बैठक को किसी और तारीख के लिए स्थगित करने के लिए कहा था। स्टालिन के अनुरोध के बाद कांग्रेस भी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की व्यक्तिगत व्यस्तताओं का हवाला देते हुए स्टालिन के प्रस्ताव के साथ हो गई और 22 जून या किसी अन्य तारीख को बैठक बुलाने को कहा।

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