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Rare Surgery By Delhi AIIMS Doctors: ‘बेहोश नहीं किया, 16 इंजेक्शन लगाए’; डॉक्टरों ने बताया कैसे 5 साल की बच्ची के ब्रेन से निकाला ट्यूमर?, देखे वीडियो

Rare Surgery By Delhi AIIMS Doctors: डॉक्टरों ने इतिहास की पहली चमत्कारिक सर्जरी करे इतिहास रचा है। AIIMS में पहली बार बिना बेहोश किए ब्रेन सर्जरी की गई और 5 साल की बच्ची के दिमाग से ट्यूमर निकाला है। यह सर्जरी 4 घंटे चली और इस दौरान बच्ची को एनेस्थिसिया नहीं दिया गया।

ऐसे में यह सर्जरी करके दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने इतिहास रचा है। साथ ही ऐसी दुर्लभ सर्जरी करने का रिकॉर्ड भी बनाया है। बच्ची लेफ्ट पेरिसिलवियन इंट्रा एक्सियल ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थी। न्यूरो एनेस्थिसिया और न्यूरो-रेडियोलॉजी टीम ने एक स्टडी करने के बाद ही यह सर्जरी की। बिना बेहोश किए होने वाली सर्जरी को अवेक क्रैनियोटॉमी या कॉन्सियश सेडेशन टेक्नोलॉजी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि यह सर्जरी कैसे की गई?

बच्ची ने भी हिम्मत दिखाई, 4 घंटे सहयोग किया

दिल्ली AIIMS में सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ मिहिर पांड्या और उनके 5 सहयोगियों ने मिलकर करीब 4 घंटे यह सर्जरी की। इस दौरान बच्ची ने भी काफी हिम्मत दिखाई। वह डॉक्टरों को सहयोग करती रही। सर्जरी के बाद भी वह काफी एक्टिव रही, लेकिन उसे सुला दिया गया, ताकि दिमाग को आराम मिले। बच्ची कभी हंसती तो कभी खेलती। उसे मोबाइल पर फोटो और वीडियो भी दिखाए गए।

5 साल 10 महीने की बच्ची की हिम्मत देखकर टीम को भी हिम्मत मिलती रही। सर्जरी टेबल पर 4 घंटे उसके साथ कब बीत गए, पता ही नहीं चला। हालांकि बच्ची को बताया गया था कि उसे बेहोश नहीं किया जाएगा, लेकिन डॉक्टरों के लिए यह सर्जरी करना काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि एक गलती बच्ची की जान ले लेती।

4 जनवरी को सर्जरी, 16 इंजेक्शन लगाए गए थे

डॉ मिहिर पांड्या ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर की मरीज बच्ची उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली है। जब वह अस्पताल आई तो उसे सिर में दर्द था और उल्टियां लग रही थीं। उसे दौरे भी पड़ रहे थे। जांच में पता चला कि उसे ब्रेन ट्यूमर है। उसे लेफ्ट पेरिसिल्वियन इंट्राक्सियल ब्रेन ट्यूमर था। हालांकि बच्ची की 2 साल पहले भी एक सर्जरी हो चुकी थी, लेकिन तब उसके दिमाग में ट्यूमर का कुछ हिस्सा रह गया था, जो फिर से बड़ा हो गया था।

बच्ची की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी करने का फैसला लिया। 4 जनवरी की सुबह बच्ची डॉक्टरों ने अपने निरीक्षण में ले लिया। इस दौरान उसकी खोपड़ी में 16 इंजेक्शन लगाए गए। जब उसका दिमाग पूरी तरह सुन हो गया तो सर्जरी शुरू की गई। अच्छी बात यह रही कि सर्जरी के दौरान बच्ची का रिएक्शन पॉजिटिव रहा।

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