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Mahavir Jayanti 2023: आज है महावीर जयंती, जानें भगवान महावीर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और उनके 5 सिद्धांत

Mahavir Jayanti 2023: आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है जो कि जैन समुदाय के लिए बहुत ही खास और महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था और इसलिए इसे महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है. भगवान महावीर में कठोर तप के जरिए अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की थी और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने वाले जैन कहलाते हैं. आइए जानते हैं महावीर जयंती के दिन कैसे की जाती है भगवान महावीर की पूजा और उनके 5 सिद्धांत.

महावीर जयंती के दिन ऐसे करें पूजा

जैन समुदाय के बीच महावीर जयंती को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. जैन धर्म में यह मान्यता है कि भगवान महावीर ने 12 वर्षों तक कठोर तप करके अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की थी. जैन धर्म के लोग महावीर जयंत के दिन प्रभातफेरी और शोभायाात्रा निकालते हैं. साथ ही अनुष्ठान भी किए जाते हैं. इस दिन महावीर जी की मूर्ति का सोने या चांदी के कलश से जलाभिषेक किया जाता है.

भगवान महावीर से जुड़ी कुछ खास बातें

  • भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे. उनका जन्म 599 ईसा पूर्व (BC) बिहार के कुण्डग्राम स्थान पर हुआ था. यह स्थान वैशाली जिले में है.
  • महावीर ने अहिंसा का संदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है.
  • जैन धर्म के अनुयायी मानते हैं कि वर्धमान ने 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की थी. उनके दिखाए मार्ग पर चलने वाले जैन कहलाते हैं.

भगवान महावीर के पांच सिद्धांत

भगवान महावीर के पांच सिद्धांत थे- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह.

अहिंसा

उनका कहना था कि मनुष्य को किसी भी परिस्थिति में हिंसा से दूर रहना चाहिए. भूलकर भी किसी को कष्ट ना पहुंचाए.

सत्य

भगवान महावीर कहते हैं, हे पुरुष! तू सत्य को ही सच्चा तत्व समझ. जो बुद्धिमान सत्य के सानिध्य में रहता है, वह मृत्यु को तैरकर पार कर जाता है.

अस्तेय

अस्तेय का पालन करने वाले किसी भी रूप में मन के मुताबिक वस्तु ग्रहण नहीं करते. संयम से रहते हैं और केवल वही लेते हैं जो उन्हें दिया जाता है.

ब्रह्मचर्य

पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. भोग-विलास से दूर रहते हैं.

अपरिग्रह

सभी पिछले सिद्धांतों को जोड़ता है. अपरिग्रह का पालन करके, जैनों की चेतना जागती है. वे सांसारिक एवं भोग की वस्तुओं का त्याग कर देते हैं.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. TopBihar.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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