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अमरनाथ यात्रा: अमित शाह ने दिए सुरक्षा इंतजाम के निर्देश, श्रद्धालुओं का किया जाएगा बीमा; मिलेगा RIFD कार्ड

DESK: एक जुलाई से शुरू होने जा रहे अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए जम्मू और श्रीनगर से रात्रि में हवाई सेवाएं उपलब्ध होंगी। अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसके निर्देश दिये। इसके साथ ही इस बार यात्रा के दौरान पशुओं का भी 50 हजार का बीमा होगा।

पिछले साल शुरु की गई यात्रियों के लिए पांच लाख की बीमा की सुविधा इस बार भी जारी रहेगी। शाह ने यात्रा के पूरे मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ ही यात्रियों के सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा।

इस साल भी यात्रियों को मिलेगी आरएफआइटी की सुविधा 

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू और श्रीनगर हवाई अड्डे से रात्रिकालीन हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी संख्या सीमित है। अमित शाह ने इन्हें 42 दिनों की इस यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए इनकी संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया।

समीक्षा बैठक के दौरान शाह ने रेलवे सुविधाओं पर नजर रखने को कहा ताकि जरूरत पड़ने पर ट्रेनों की संख्या को तत्काल बढ़ाया जा सके। उन्होंने यात्रा मार्ग आक्सीजन सिलिंडर पर्याप्त मात्रा में रखने और उनकी रिफीलिंग सुनिश्चित करने के साथ ही डाक्टरों की अतिरिक्त टीमें भी तैनात करने का निर्देश दिया।

इस साल पांच लाख यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद

शाह ने कहा कि आपात चिकित्सा स्थिति से निपटने के एंबुलेंस और हेलीकाप्टर पर्याप्त संख्या में तैनात होने चाहिए। शाह ने यात्रियों के ठहरने, बिजली, पानी, संचार समेत सभी सुविधाओं की समीक्षा की। अमरनाथ यात्रियों के रियल टाइम लोकेशन पर नजर रखने के लिए आरएफआइटी की सुविधा पिछले साल शुरू की गई थी, यह इस साल भी जारी रहेगी।

इसके अलावा इस बार यात्रा के लिए टेंट सिटी, यात्रा मार्ग पर वाईफाई हाटस्पाट और समुचित प्रकाश की व्यवस्था भी की जाएगी। साथ ही बाबा बर्फानी के ऑनलाइन दर्शन, पवित्र गुफा में सुबह शाम की आरती का सीधा प्रसारण और बेस कैंप में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

समीक्षा बैठक में अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पिछले साल 3.45 लाख तीर्थ यात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किये थे। इस बार उनकी संख्या पांच लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।

पिछले साल फ्लैश फ्लड के कारण बेस कैंप में 16 तीर्थ यात्रियों की जान चली गई थी। इसे देखते हुए इस साल नेशनल डिजास्टर रिपांस फोर्स की मदद से सुरक्षित स्थानों पर कैंप लगाने की तैयारी हो रही है। वहीं एयरफोर्स की मदद से ऊंचे पहाड़ी इलाकों पर नजर रखी जाएगी ताकि वहां बनने वाले झील व अन्य गतिविधियों की समय रहते जानकारी मिल सके।

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