Dana Cyclone: चक्रवाती तूफान डाना के संभावित खतरों को देखते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार अलर्ट पर हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, डाना तूफान 25 अक्टूबर की सुबह पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तरी ओडिशा और दक्षिणी पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराएगा। तूफान के दौरान 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जो कि 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती हैं।
ओडिशा और बंगाल के कई जिलों में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। पश्चिम बंगाल में 9 जिलों में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल बुधवार से 26 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। वहीं, ओडिशा के 14 जिलों में 23 से 25 अक्टूबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। तूफान के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने 23 से 25 अक्टूबर तक सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं।
अलर्ट मोड पर ओडिशा सरकार
ओडिशा सरकार चक्रवात डाना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य सरकार ने अतिरिक्त मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 10 टीमों की मांग की है। मौजूदा एनडीआरएफ टीमों को तटवर्ती इलाकों में भेज दिया गया है, जहां तूफान के असर की संभावना अधिक है। इसके साथ ही ओडिशा आपदा त्वरित प्रतिक्रिया बल (ओडीआरएएफ) की 17 टीमों को भी 10 जिलों में तैनात किया जाएगा। अतिरिक्त 3 ओडीआरएएफ टीमों को भी तैयार रखा गया है।
राज्य सरकार ने मछुआरों से 23 से 25 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की अपील की है। 160 से अधिक ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राज्य और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम्स की मदद से स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है।
पश्चिम बंगाल सरकार की तैयारी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चक्रवात डाना के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारी कर ली है। 9 जिलों में स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है, जबकि जिला प्रशासन को स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
डाना तूफान का सबसे ज्यादा असर दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर और अन्य तटीय क्षेत्रों पर पड़ सकता है। इसके अलावा पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, हुगली और झारग्राम में भी तूफान का प्रभाव देखा जा सकता है।
तूफान की गंभीरता को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और संभावित आपदा के प्रभाव को कम किया जा सके।