Onion Prices: हाल ही में देश में प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। प्याज की कीमतें एक बार फिर आसमान छू रही हैं, जिससे आम जनता का बजट प्रभावित हो रहा है। राजधानी दिल्ली में प्याज का खुदरा मूल्य 67 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जबकि देश का औसत खुदरा मूल्य 58 रुपये प्रति किलो है। ऐसे में सरकार ने प्याज की कीमतों को स्थिर करने और जनता को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन (NCCF) और नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) के जरिए प्याज की बिक्री की जा रही है, ताकि बाजार में कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। इन संगठनों के माध्यम से कम कीमत पर प्याज की आपूर्ति की जा रही है ताकि आम लोगों को महंगाई से राहत मिले।
त्योहारों के दौरान कुछ प्रमुख मंडियों के बंद होने और आपूर्ति में अस्थायी बाधाओं के चलते प्याज की कीमतों में वृद्धि हुई है। इसके मद्देनजर सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए दो रैक की व्यवस्था की है, जबकि गुवाहाटी के लिए एक रैक की आपूर्ति की गई है। इसके अतिरिक्त, सड़क परिवहन के माध्यम से भी प्याज की खेपों की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है ताकि अधिक से अधिक मात्रा में प्याज बाजार में पहुंच सके।
सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्याज की बढ़ती मांग को देखते हुए सोनीपत के कोल्ड स्टोरेज से प्याज की आपूर्ति बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। सरकारी बयान के अनुसार, मंडियों में प्याज की आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। सरकार लगातार बाजार की स्थिति पर नजर रखे हुए है और समय-समय पर उपयुक्त कदम उठा रही है।
प्याज के अलावा टमाटर की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है। आजादपुर मंडी में टमाटर की साप्ताहिक औसत कीमत में 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो अब 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी तरह महाराष्ट्र के पिंपलगांव में कीमतों में 35 प्रतिशत की गिरावट के साथ टमाटर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले और कर्नाटक के कोलार में भी टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है।
इन सब के बीच, आलू की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। पिछले तीन महीनों से आलू का औसत खुदरा मूल्य 37 रुपये प्रति किलो पर टिका हुआ है।
सरकार की इन तमाम कोशिशों का उद्देश्य महंगाई से जनता को राहत देना और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर बनाए रखना है। आने वाले दिनों में, यदि सरकार के प्रयास सफल रहे, तो प्याज और अन्य सब्जियों की कीमतों में स्थिरता और कमी देखने को मिल सकती है। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी और महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।