गुवाहाटी, 14 जुलाई रविवार शाम इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-6011 में उस समय अचानक अफरातफरी मच गई जब 75 वर्षीय एक बुज़ुर्ग यात्री को उड़ान के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। यह घटना करीब शाम 6:20 बजे की है, जब विमान आसमान में था और यात्री को ब्लड शुगर गिरने के कारण हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण दिखने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुज़ुर्ग यात्री को अत्यधिक पसीना आने लगा, हाथ-पैर ठंडे पड़ गए और वह बेहोश हो गए। स्थिति को गंभीर देखते हुए फ्लाइट अटेंडेंट्स ने तुरंत प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की और विमान में घोषणा की कि अगर कोई मेडिकल प्रोफेशनल मौजूद हैं तो तुरंत सहायता करें।
मेजर मुकुंदन आए आगे
सौभाग्य से उसी फ्लाइट में छुट्टियों से लौट रहे भारतीय सेना के डॉक्टर मेजर मुकुंदन मौजूद थे। उन्होंने तुरंत बुज़ुर्ग यात्री की जांच शुरू की। मेजर मुकुंदन को संदेह हुआ कि यह स्थिति ब्लड शुगर लेवल गिरने के कारण हो रही है। पुतलियों की प्रतिक्रिया जांचने के बाद उन्होंने पाया कि यात्री अर्ध-बेहोशी की स्थिति में हैं, लेकिन चेतना की संभावना बाकी है।
मेजर मुकुंदन ने बिना समय गंवाए यात्री को ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) दिया और पूरी उड़ान के दौरान उनकी नब्ज़ और ऑक्सीजन लेवल पर नज़र बनाए रखी। उनकी सक्रियता और सतर्कता ने एक संभावित बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।
गुवाहाटी एयरपोर्ट पर इमरजेंसी ट्रीटमेंट
जैसे ही विमान गुवाहाटी एयरपोर्ट पर उतरा, बुज़ुर्ग यात्री को तुरंत इमरजेंसी मेडिकल रूम ले जाया गया। यहां मेजर मुकुंदन ने मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर इलाज की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। लगभग रात 8 बजे बुज़ुर्ग यात्री को होश आ गया और फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
केबिन क्रू की तत्परता और सेना की सजगता ने बचाई जान
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों में सैनिकों की मौजूदगी कितनी मूल्यवान हो सकती है। इंडिगो फ्लाइट के केबिन क्रू ने जिस तरह तत्काल ऑक्सीजन और मेडिकल सपोर्ट का प्रबंध किया और घोषणा के ज़रिए डॉक्टर की सहायता मांगी, वह सराहनीय है।
यात्री और एयरलाइन दोनों ने जताया आभार
बुज़ुर्ग यात्री के परिजनों ने मेजर मुकुंदन और फ्लाइट स्टाफ का आभार जताया है। इंडिगो एयरलाइंस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि “हम मेजर मुकुंदन के योगदान की सराहना करते हैं, जिन्होंने मानवता का परिचय देते हुए एक यात्री की जान बचाई। हम गर्व महसूस करते हैं कि हमारी फ्लाइट में ऐसे जिम्मेदार नागरिक यात्रा कर रहे थे।”
निष्कर्ष
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि संकट की घड़ी में सूझ-बूझ, तेज़ निर्णय क्षमता और मानवता की भावना किसी की जान बचा सकती है। मेजर मुकुंदन की तत्परता और समर्पण ने एक बुज़ुर्ग यात्री को नया जीवन दिया। यह घटना देशभर में लोगों को सेना की सेवा भावना और कर्तव्यनिष्ठा की एक और मिसाल के रूप में याद रहेगी।