Gyanvapi Case: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने के एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) सर्वेक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई होने जा रही है। इस सुनवाई पर सबकी निगाहें हैं, क्योंकि यह फैसला हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच चल रहे धार्मिक विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सुनवाई दोपहर 2 बजे जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में होगी। मामले की याचिकाकर्ता श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह ने ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने के सर्वेक्षण की मांग को लेकर सिविल रिवीजन (सिविल पुनरीक्षण) याचिका दायर की है।
विवाद की पृष्ठभूमि
ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने में शिवलिंग जैसे एक संरचना के मिलने का दावा हिंदू पक्ष द्वारा किया गया था, जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। इस दावे के बाद 2021 में वजूखाने को सील कर दिया गया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि वजूखाने का सर्वे आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उक्त स्थान पर शिवलिंग है या नहीं। मुस्लिम पक्ष का मानना है कि यह एक फव्वारा है, जिसका शिवलिंग से कोई संबंध नहीं है। ऐसे में यह विवाद पिछले कई महीनों से अदालत में चल रहा है।
एएसआई सर्वेक्षण की मांग
याचिकाकर्ता राखी सिंह की ओर से कोर्ट में 2023 की एएसआई रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई है। उन्होंने ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग की है, ताकि परिसर के धार्मिक चरित्र को स्पष्ट किया जा सके। पिछले वर्ष, एएसआई ने 24 जुलाई से 2 नवंबर तक ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था, लेकिन वजूखाने के आसपास का क्षेत्र सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया गया था। हिंदू पक्ष का मानना है कि वजूखाने के एएसआई सर्वे से धार्मिक स्थल का चरित्र तय करने में मदद मिलेगी।
पहले की सुनवाई
इस मामले में 21 अक्टूबर और 19 अक्टूबर को भी सुनवाई हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष रखे। याचिकाकर्ता के वकील ने पूरक हलफनामा दाखिल कर अपनी मांग को स्पष्ट किया था, जिसके जवाब में मुस्लिम पक्ष ने भी अपना हलफनामा पेश किया। इसके अतिरिक्त, एक अक्टूबर को हिंदू पक्ष की एक अन्य याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी ने साइंटिफिक सर्वे की मांग की थी। इससे पहले वाराणसी जिला न्यायालय ने भी मामले में निर्णय सुनाया था, जिसके खिलाफ वादी पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की।
क्या हो सकता है फैसला?
आज की सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट यह तय करेगा कि ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का एएसआई सर्वेक्षण किया जाएगा या नहीं। इस फैसले से यह तय होगा कि धार्मिक स्थल का चरित्र निर्धारण करने में वजूखाने का सर्वे कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। कोर्ट के निर्णय से यह भी तय हो सकेगा कि क्या उक्त स्थान पर हिंदू धार्मिक संरचना है या यह सिर्फ एक फव्वारा है।