नेपाल में बाढ़ से हाहाकार: 120 मौतें, 60 लोग लापता; 10 हजार पुलिसकर्मी फील्ड में उतारे, बचाव अभियान तेज़

On: Sunday, September 29, 2024 9:02 PM
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DESK: नेपाल में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है, जिससे देशभर में संकट गहरा गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 60 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। हजारों लोग अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं, जहां बचाव दल उन्हें निकालने में दिन-रात जुटे हुए हैं। काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण हालात और भी खराब हो गए हैं। बागमती नदी के उफान पर होने से राजधानी काठमांडू के कई इलाकों में जलभराव हो गया है।

बचाव दल अब तक 3000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुका है, लेकिन बाढ़ और बारिश के चलते स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पा रही है। पुलिस जिपलाइन और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से बचाव अभियान चला रही है। इसके साथ ही, राफ्टिंग नौकाओं की मदद से भी लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाला जा रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रह सकती है, जिससे संकट और भी गंभीर हो सकता है।

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काठमांडू के आसपास के घाटी क्षेत्र पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं। भक्तपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक घर ढहने से पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक चार साल की बच्ची और एक गर्भवती महिला शामिल थीं। इसी प्रकार, पश्चिमी धाडिंग क्षेत्र में भूस्खलन के कारण मलबे में दबी एक बस से दो शव बरामद हुए हैं। बस में चालक समेत 12 लोग सवार थे, जिनमें से बाकी लोग अभी लापता हैं।

बाढ़ के कारण दक्षिणी काठमांडू घाटी के नक्खू नदी में चार लोग बह गए, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। इस क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य देर से पहुंचने के कारण स्थिति और भी चिंताजनक बनी हुई है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोग ठंड और भूख से जूझ रहे हैं। कई लोग रातभर ठंडे पानी से बचने के लिए ऊंचाई वाली जगहों पर पनाह लेने के लिए मजबूर हैं।


सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए 10,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। स्वयंसेवकों और नेपाली सेना की भी मदद ली जा रही है। सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने बताया कि सभी बचाव कार्यों को तेजी से चलाया जा रहा है और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है। राजधानी काठमांडू में रात के समय वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि बचाव कार्यों में किसी तरह की रुकावट न आए।

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नेपाल में इस भयानक प्राकृतिक आपदा के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच संपर्क टूट गया है। आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने की आशंका है क्योंकि बारिश के जारी रहने का पूर्वानुमान है। बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है और मौतों का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

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