India

तिब्बत के शिजांग में आया 7.1 तीव्रता का भूकंप, भारत का 10% हिस्सा भी कांपा, 46 करोड़ से अधिक लोगों की एक पल के लिए अटक गई सांसें

Earthquake in India: तिब्बत (Tibet) के शिजांग (xizang) में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। भूकंप का असर नेपाल, भूटान सहित शिजांग से 4-5 किमी दूर भारत के उत्तराखंड, दिल्ली (Delhi), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुछ क्षेत्रों, बिहार (Bihar), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और सिक्किम में भी दिखा। फिलहाल भारत में भूकंप से जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है।

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सुबह (7 जनवरी) 6:37 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो करीब 15 सेकंड तक रहे। वहीं बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। पांच सेकंड तक धरती हिलती रही। साथ ही दिल्ली-एनसीआऱ में भी धरती कांपी।

बता दें कि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-उत्तराखंड का क्षेत्रफल भारत की कुल क्षेत्रफल का कितना लगभग 10 प्रतिशत है। वहीं इन राज्यों में भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 46 करोड़ आबादी निवास करती है। इस तरह भारत का 10% हिस्सा, जहां भूकंप से कांप उठा। वहीं 46 करोड़ से अधिक लोगों की एक पल के लिए सांसें अटक गई।

बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। माल्दा सहित उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों और सिक्किम में भी धरती हिलती रही। कहा जा रहा है कि पांच सेकंड तक धरती हिलती रही. लोग भूकंप के झटके महसूस होने पर डरकर अपने घरों से बाहर निकलने लगे।

6:40 मिनट पर बिहार में आया भूकंप

बिहार में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। समस्तीपुर, मोतिहारी में समेत कई इलाकों में  सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर भूकंप आया था। जानकारी के अनुसार, करीब 5 सेकेंड तक धरती हिलती रही. भूकंप इतना तेज था कि लोग दहशत की वजह से घरों से बाहर निकलने लगे।

नेपाल सरकार ने की पुष्टि

नेपाल सरकार ने भूकंप आने की पुष्टि की है। उसका केंद्र नेपाल-चीन सीमा तिब्बत के डिंगे कांती में था। नेपाल सरकार के भूवैज्ञानिक विभाग के मुताबिक, उस इलाके में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 मापी गई। सुबह 6:35 बजे आए भूकंप से नेपाल के ज्यादातर हिस्से हिल गए। सुबह-सुबह आए तेज भूकंप के बाद काठमांडू के लोग शोर मचाते हुए अपने घरों से बाहर निकल आए। लंबे समय बाद काठमांडू में भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया।

कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?

कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है।

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई भारी वाहन आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.
  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button