बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार की रात एक भीषण सड़क दुर्घटना में श्रद्धालुओं से भरी बस पलटने से दो लोगों की मौत हो गई और 28 अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसा उस समय हुआ जब यह बस गया जिले के बेलागंज से श्रद्धालुओं को लेकर गंगा स्नान के लिए पटना जा रही थी। दुर्घटना मसौढ़ी के तारेगना मठिया के पास फोरलेन पर घटी, जहां अचानक एक टेंपो को देखकर बस का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर से टकराकर पलट गई।
हादसे की स्थिति और राहत कार्य
दुर्घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद अनुमंडल प्रशासन की पूरी टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तत्काल अनुमंडल अस्पताल और आसपास के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी, जिनमें एसडीओ अमित पटेल और डीएसपी नव वैभव शामिल थे, स्वयं राहत कार्य में जुट गए और घायलों को अस्पताल भेजने का प्रबंध किया। सभी घायलों को इलाज के लिए सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है, और प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
घटना की पृष्ठभूमि और कारण
बताया जा रहा है कि बस में बेलागंज के पांच गांवों के करीब 30-35 लोग सवार थे, जो गंगा स्नान के लिए निकले थे। हादसा तारेगना मठ के पास तब हुआ जब सड़क किनारे खड़े एक टेंपो को देखकर बस ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया और बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस टक्कर में मौके पर ही बेलागंज के बाजितपुर निवासी तुलसी यादव और फुलेंद्र कुमार यादव की मौत हो गई, जबकि अन्य 28 लोग घायल हो गए।
प्रशासन का बयान और घायलों का उपचार
एसडीओ अमित पटेल ने बताया कि कुल 28 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। सभी घायलों का उपचार अनुमंडल अस्पताल में किया जा रहा है, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को पटना रेफर किया जा सकता है। प्रशासन घायलों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। मौके पर आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी, जो घायलों को अस्पताल भेजने में प्रशासन की मदद कर रही थी।
पीड़ितों के परिवार में शोक की लहर
इस हादसे से मृतकों के परिवार और गांवों में शोक की लहर दौड़ गई है। हादसे में मृत तुलसी यादव और फुलेंद्र यादव के परिवार जनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रशासन ने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और राज्य सरकार से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और दुर्घटना से बचने के उपायों की आवश्यकता को दर्शाता है। प्रशासन के त्वरित कार्यवाही से कई जिंदगियां बचाई जा सकीं, लेकिन यह घटना सड़क सुरक्षा के विषय में गंभीर चर्चा को फिर से जन्म देती है।