DESK: पिछले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हवाई अड्डों पर बम की झूठी धमकियों की बाढ़ सी आ गई है। सोमवार से गुरुवार तक 21 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं, जो बाद में गलत साबित हुईं। इन झूठी कॉल्स के बावजूद एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सिविल एविएशन मंत्रालय (MoCA) अब इस पर सख्त कार्रवाई के लिए नया कानून तैयार कर रहा है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके और दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके।
कानून पर हो रही चर्चा
नागर विमानन मंत्रालय ने यह साफ किया है कि हवाई उड़ानों में बम की झूठी धमकी देने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नया कानून तैयार किया जा रहा है। इस कानून के तहत झूठी कॉल्स करने वाले प्रॉक्सी कॉलर्स को सख्त दंडित किया जाएगा। कानून में क्या सजा हो सकती है और कितनी अवधि तक होगी, इसे लेकर फिलहाल चर्चा चल रही है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो सके।
क्या हो सकते हैं प्रावधान?
माना जा रहा है कि नए कानून के अंतर्गत ऐसे कॉलर्स को “नो-फ्लाई लिस्ट” में डालने का प्रावधान हो सकता है। इसका मतलब होगा कि झूठी धमकी देने वाले व्यक्ति को कई वर्षों तक हवाई यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही, यह कानून हवाई सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इसे हवाई यात्रा में विघ्न डालने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
धमकी देने वालों की पहचान
एविएशन मंत्रालय की ओर से संसदीय समिति को बताया गया कि धमकी भरे संदेश भेजने वालों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा साइबर यूनिट्स को इन कॉलर्स को ट्रैक करने के लिए लगाया गया है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
मंत्रालय ने साफ किया है कि झूठी कॉल्स से संबंधित मामलों में तेजी से कार्रवाई की जाएगी। साइबर क्राइम से जुड़ी एजेंसियों के साथ मिलकर, ऐसे अपराधियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
फ्लाइट्स को बम से उड़ाने जैसी धमकियां राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालती हैं। झूठी कॉल्स से न केवल हवाई अड्डों की सुरक्षा में सेंध लगती है, बल्कि यात्री भी भयभीत होते हैं। इस प्रकार की घटनाओं से एयरलाइंस और संबंधित एजेंसियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो सुरक्षा और जांच के लिए अपनी क्षमता से अधिक मेहनत करते हैं।
नए कानून की आवश्यकता इस वजह से महसूस की जा रही है ताकि ऐसी हरकतों पर रोक लगाई जा सके और किसी भी तरह की झूठी धमकी देने वाले को सख्त सजा दी जा सके। इसका उद्देश्य है कि हवाई यात्रा को और सुरक्षित बनाया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।