हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बनी हैं जो दशकों बाद भी दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं। ऐसी ही एक फिल्म है ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (DDLJ), जिसने 1995 में सिल्वर स्क्रीन पर धमाल मचा दिया। इस फिल्म ने न केवल रोमांस का एक नया पैमाना तय किया, बल्कि शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी को अमर बना दिया। हालांकि, यह जानकर हैरानी होगी कि शुरुआत में इस फिल्म के लिए शाहरुख खान मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे। आइए जानते हैं, कैसे टॉम क्रूज का नाम भी इस फिल्म के लिए चर्चा में आया।
टॉम क्रूज क्यों बने थे आदित्य चोपड़ा की पहली पसंद?
फिल्म के डायरेक्टरआदित्य चोपड़ा का सपना था कि DDLJ को एक इंडो-अमेरिकन प्रोजेक्ट की तरह बनाया जाए। इसी सोच के तहत उन्होंने हॉलीवुड सुपरस्टार टॉम क्रूज को कास्ट करने का मन बनाया। आदित्य चाहते थे कि फिल्म की कहानी एक ऐसे विदेशी लड़के के इर्द-गिर्द घूमे, जो अपने प्यार को पाने के लिए पंजाब की सरजमीं पर आता है। टॉम क्रूज का चार्म और उनकी ग्लोबल फैन फॉलोइंग इस विचार को और भी मजबूत बनाती थी।
क्यों नहीं हो पाया टॉम क्रूज का कास्ट होना?
हालांकि, यह योजना हकीकत में तब्दील नहीं हो सकी। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी टॉम क्रूज की भारी फीस। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टॉम क्रूज ने इस फिल्म के लिए 8 मिलियन डॉलर (तकरीबन ₹32 करोड़) की मांग की थी। यह उस समय फिल्म के कुल बजट (₹28 करोड़) का लगभग 90% था। इस रकम को वहन करना मेकर्स के लिए संभव नहीं था। इसके अलावा, यश चोपड़ा ने आदित्य को याद दिलाया कि उनकी पिछली एक फिल्म, जिसमें अंग्रेजी अभिनेता कास्ट किया गया था, का अनुभव अच्छा नहीं रहा था।
शाहरुख खान बने राज
जब टॉम क्रूज को कास्ट करना मुमकिन नहीं हुआ, तो आदित्य चोपड़ा ने स्क्रिप्ट को फिर से भारतीय दर्शकों के हिसाब से तैयार किया। इसके बाद उन्होंने शाहरुख खान को राज मल्होत्रा के रोल के लिए चुना। उस समय शाहरुख की रोमांटिक छवि उभर रही थी, और उन्होंने इस किरदार को अपनी एक्टिंग से अमर बना दिया। फिल्म में काजोल को सिमरन के किरदार के लिए चुना गया, और उनकी जोड़ी को दर्शकों ने दिल खोलकर सराहा।
DDLJ की ऐतिहासिक सफलता
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ भारतीय सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई। यह फिल्म मुम्बई के मराठा मंदिर थिएटर में 25 से ज्यादा साल तक चलती रही और आज भी अपने शानदार डायलॉग्स, म्यूजिक और रोमांस के लिए याद की जाती है।
अगर टॉम क्रूज इस फिल्म का हिस्सा होते, तो शायद यह फिल्म एक अलग दिशा में चली जाती। लेकिन शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी ने इसे हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक अमिट स्थान दिलाया।