Chaitra Navratri Date 2024: कब है चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी, जानें तारीख मुहूर्त, शुभ योग और रेसिपी
Chaitra Navratri Date 2024: पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि जो कि इस बार 8 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर लगेगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात के समय 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा.
9 अप्रैल को घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. प्रसाद और भोग भी देवी के अवतार के आधार पर अलग-अलग होते हैं. साल में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि. 9 दिनों तक आदिशक्ति मां दुर्गा के अलग अलग स्वरुपों की उपासना की जाती है. तो चलिए जानते हैं माता को भोग में क्या चढ़ाएं.
चैत्र नवरात्रि तिथियां- (Chaitra Navratri Date And Tithi)
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चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि व्रत 9 अप्रैल 2024 – मां शैलपुत्री की पूजा
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चैत्र नवरात्रि द्वितीया तिथि व्रत 10 अप्रैल 2024 – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
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चैत्र नवरात्रि तृतीया तिथि व्रत 11 अप्रैल 2024 – मां चंद्रघंटा की पूजा
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चैत्र नवरात्रि चतुर्थी तिथि व्रत 12 अप्रैल 2024 – मां कुष्माण्डा की पूजा
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चैत्र नवरात्रि पंचमी तिथि व्रत 13 अप्रैल 2024 – मां स्कंदमाता की पूजा
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चैत्र नवरात्रि षष्ठी तिथि व्रत 14 अप्रैल 2024 – मां कात्यायनी की पूजा
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चैत्र नवरात्रि सप्तमी तिथि व्रत 15 अप्रैल 2024 – मां कालरात्री की पूजा
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चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि व्रत 16 अप्रैल 2024 – मां महागौरी की पूजा, अष्टमी पूजन
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चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि व्रत 17 अप्रैल 2024 – मां सिद्धिदात्री की पूजा, नवमी पूजन
नवरात्रि स्पेशल भोग रेसिपी- (Chaitra Navratri Special Recipe)
नवरात्रि में मां दुर्गा को आप भोग में हलवा चढ़ा सकते हैं. सूजी का या बादाम का हलवा बना सकते हैं. सूजी का हलवा बनाने के लिए पहले घी डालकर सूजी को भुन लें. अब चीनी और दूध डालें और पकाएं. आखिर में ड्राई फ्रूट्स एड करें.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि का महत्व
चैत्र नवारत्रि की अष्टमी और नवमी पर कुल देवी पूजन, कन्या भोजन और हवन कर नवरात्रि के नौ दिन की व्रत पूजा संपन्न की जाती है. इस दिन माता की आराधना करने वालों के सुख, शक्ति, तेज, बल, आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है. चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. राम नवमी के दिन दिन भगवान राम विधि विधान से पूजा पाठ करना चाहिए, इसके साथ ही कम से कम 5 बार तुलसी की माला से भगवान राम के मंत्र का जप करें