मुजफ्फरपुर: बिहार से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जहां दहेज की मांग न पूरी होने पर एक महिला से उसकी किडनी मांग ली गई। यह मामला उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है, जहां बोचहा थाना क्षेत्र निवासी दीप्ति (बदला हुआ नाम) ने अपने ससुरालवालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। दीप्ति ने बताया कि शादी के बाद से ही उस पर दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से अत्याचार किया जाता रहा, और जब वह दहेज नहीं ला पाई तो उस पर अपने बीमार पति को किडनी देने का दबाव बनाया गया।
शादी के दो साल बाद सामने आया सच्चाई का चेहरा
दीप्ति की शादी वर्ष 2021 में हुई थी। शुरुआत में सब सामान्य था, लेकिन कुछ महीनों बाद ही ससुराल वालों ने बाइक, जेवर और नकद रुपए की मांग करनी शुरू कर दी। जब पीड़िता ने अपने मायके से दहेज लाने से इनकार कर दिया तो उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज शुरू हो गई। दीप्ति ने बताया कि उसके ससुराल वालों ने यह तक कहा, “अगर दहेज नहीं ला सकती तो अपने पति को किडनी ही दे दो, वो बीमार है।”
जबरदस्ती किडनी देने का दबाव
दीप्ति ने खुलासा किया कि उसे शादी के लगभग दो साल बाद यह पता चला कि उसके पति की एक किडनी खराब है। इसके बाद ससुराल वाले लगातार उस पर किडनी डोनेट करने का दबाव बनाने लगे। उन्होंने उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया। दीप्ति ने बताया कि इस बात की जानकारी न तो शादी से पहले दी गई और न ही बाद में ईमानदारी से समझाया गया। जब उसने किडनी देने से इनकार कर दिया, तो उसकी स्थिति और बदतर हो गई।
महिला थाने में दर्ज हुई शिकायत
अपमान और अत्याचार से तंग आकर दीप्ति अपने मायके लौट आई और मुजफ्फरपुर महिला थाने में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। महिला थाने में मामला संख्या 38/25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें उसके पति सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। दीप्ति ने पति से तलाक की मांग की है, लेकिन पति ने तलाक देने से साफ इनकार कर दिया।
पुलिस की समझौता कराने की कोशिश नाकाम
पुलिस ने इस संवेदनशील मामले में पहले दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन पीड़िता की ओर से स्पष्ट इनकार के बाद समझौता नहीं हो सका। पीड़िता का कहना है कि वह अब किसी भी हालत में अपने ससुराल वापस नहीं जाना चाहती और इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की मांग कर रही है।
क्या कहता है कानून?
भारत में दहेज प्रथा को रोकने के लिए 1961 में दहेज निषेध अधिनियम लागू किया गया था, जिसके तहत दहेज लेना, देना या मांगना पूरी तरह से अपराध है। इसके बावजूद बिहार जैसे राज्यों में आज भी दहेज प्रथा गहराई से जमी हुई है। इस मामले में किडनी मांगना एक बेहद क्रूर और असंवेदनशील उदाहरण है, जो समाज की गिरती मानसिकता को दर्शाता है।