बेतिया/गोरखपुर। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले से एक नाबालिग लड़की के घर से नाराज होकर निकलने के बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में उसके साथ दुष्कर्म की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी टेंपो चालक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार, घटना मटियरिया थाना क्षेत्र के एक गांव की है, जहां 16 वर्षीय नाबालिग लड़की 18 जून को परिजनों से नाराज होकर घर से निकल गई थी। वह ट्रेन के जरिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंची। घर से अचानक लापता हुई बेटी की चिंता में डूबे परिजनों ने खुद उसकी तलाश की लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिली तो 19 जून को मटियरिया थाने में बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
इसी दौरान 19 जून की सुबह लड़की ने एक अज्ञात मोबाइल नंबर से परिजनों को कॉल कर अपने गोरखपुर में होने की जानकारी दी और आपबीती सुनाई। परिजनों के बयान पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और लड़की की लोकेशन ट्रेस करने में जुट गई। गोरखपुर पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई।
इस बीच गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास लड़की की मुलाकात एक स्थानीय टेंपो चालक ताहिर देवान (उम्र 37 वर्ष) से हुई, जो उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के शिकारपुर थाना क्षेत्र के चतुर्भुजवा गांव का रहने वाला है। आरोपी ने पहले लड़की से बातचीत की और उसका विश्वास जीतने की कोशिश की। उसने लड़की को बताया कि वह भी बेतिया जिले का रहने वाला है और उसे घर तक छोड़ देगा।
लड़की को बहला-फुसलाकर आरोपी उसे अपने किराए के कमरे पर ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। लड़की की हालत खराब होने पर उसने दोबारा परिजनों से संपर्क किया और अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। इसके बाद मटियरिया थाने की पुलिस ने गोरखपुर पुलिस से समन्वय कर ताहिर देवान की पहचान की और उसे गोरखपुर से सटे बिहार के चौतरवा इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
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आरोपी के खिलाफ मटियरिया थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। नरकटियागंज के एसडीपीओ जयप्रकाश सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।
पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवा लिया गया है और उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले में पुलिस तकनीकी साक्ष्य जुटाने और घटनाक्रम की पुष्टि करने के लिए आगे की कार्रवाई में जुटी है।
यह घटना न सिर्फ समाज को झकझोरती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि नाबालिग बच्चों की सुरक्षा और मार्गदर्शन के लिए परिवार और समाज की कितनी बड़ी भूमिका है। एक छोटी सी नाराज़गी ने एक मासूम को जीवन का कड़वा अनुभव दे दिया।