बिहार सरकार ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को बिना किसी परीक्षा या इंटरव्यू के सरकारी नौकरी देने का बड़ा अवसर प्रदान किया है। इस नई पहल के तहत खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति के लिए एक पोर्टल खोला गया है। ‘मेडल लाओ और नौकरी पाओ’ योजना के अंतर्गत 5 दिसंबर 2023 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इस योजना को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा शुरू किया गया है, जो खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्य के उच्च पदों पर नियुक्त करने की प्रक्रिया को सुलभ और सरल बनाता है।
कैसे करें आवेदन?
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने अपनी वेबसाइट पर आवेदन करने का लिंक उपलब्ध कराया है। इच्छुक खिलाड़ी इस पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार यह पोर्टल खिलाड़ियों की भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में सहायक है।
इस योजना का लाभ उन खिलाड़ियों को मिलेगा जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व किया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उनके खेल प्रदर्शन के आधार पर सरकारी नौकरी में सीधा प्रवेश देना है, जिससे खिलाड़ियों को अपने करियर में स्थिरता और सम्मान मिले।
किन पदों पर होगी नियुक्ति?
इस योजना के तहत बिहार के स्थाई निवासी खिलाड़ी, जो किसी अन्य राज्य या केंद्र सरकार अथवा किसी प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं, भी आवेदन कर सकते हैं। खिलाड़ियों को बिहार सरकार के स्किल एक और स्केल दो के पदों पर, जिनमें वितरण स्तर 1/2, 6, 7 और 9 शामिल हैं, सीधी नियुक्ति का मौका मिलेगा। नियुक्ति के लिए आयु सीमा 1 अगस्त 2024 को न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं रखी गई है।
अब तक कितने खिलाड़ियों को मिली नौकरी?
मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत अब तक 342 खिलाड़ियों को बिना किसी परीक्षा या इंटरव्यू के सरकारी नौकरी मिल चुकी है। इस योजना के अंतर्गत खिलाड़ियों को एसडीओ (सब-डिविजनल ऑफिसर) से लेकर डीएसपी (डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस) जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति दी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 71 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई है।
सरकार का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य न केवल खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि बिहार राज्य में खेलों को बढ़ावा देना भी है। खिलाड़ियों के इस योगदान को मान्यता देकर सरकार उन्हें समाज में सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक बनाना चाहती है, जिससे आने वाली पीढ़ियां खेलों में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित हों।