पटना। बिहार सरकार तकनीकी शिक्षा को उद्योग जगत से जोड़ने और युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करने के लिए एक बड़ी पहल करने जा रही है। इस दिशा में ‘स्टार्टअप बिहार’ नामक एक व्यापक कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, जो राज्य के सभी 42 सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों और 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू किया जाएगा। इसके तहत सबसे पहले समर कैंप का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्रों को नवाचार और स्टार्टअप की बारीकियों से परिचित कराया जाएगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी संस्थानों और उद्योगों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है, ताकि विद्यार्थी केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहकर व्यावहारिक व्यवसायिक दुनिया की समझ भी विकसित कर सकें। विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित संस्थानों के प्राचार्यों को समर कैंप की विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत स्थानीय उद्यमियों और सफल स्टार्टअप फाउंडर्स को भी जोड़ा जाएगा, जिससे छात्रों को मार्गदर्शन के साथ-साथ नेटवर्किंग का भी अवसर मिल सके।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह पहल छात्रों को नवाचार, आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की ओर प्रेरित करेगी। कैंप के दौरान विद्यार्थियों को यह भी बताया जाएगा कि बिना ब्याज के वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है, स्टार्टअप की नींव कैसे रखी जाए और बाजार की मांग के अनुरूप योजनाएं कैसे तैयार की जाएं। इस कार्यक्रम का संचालन बिहार सरकार के “सात निश्चय” योजना के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसकी निगरानी विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी।
क्या होंगे ‘स्टार्टअप बिहार’ कार्यक्रम के लाभ?
- छात्रों को स्टार्टअप की योजना बनाने, उसे क्रियान्वित करने और प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी।
- विभिन्न उद्योगों के साथ इंटर्नशिप और लाइव प्रोजेक्ट्स पर काम करने का अवसर मिलेगा।
- स्थानीय सफल उद्यमियों से मार्गदर्शन और नेटवर्किंग का लाभ मिलेगा।
- सरकारी योजनाओं, स्टार्टअप नीति और फंडिंग के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी मिलेगी।
यह पहल युवाओं को रोजगार की तलाश में भटकने के बजाय खुद रोजगार देने वाला बनने की दिशा में तैयार करेगी। ‘स्टार्टअप बिहार’ न केवल छात्रों की सोच को व्यवसायिक बनाएगा, बल्कि राज्य में एक नया स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगा।