नई दिल्ली: हर महीने की पहली तारीख की तरह इस बार भी 1 अक्टूबर 2025 से कई अहम नियम बदलने जा रहे हैं। ये बदलाव सीधे आपकी जेब, बैंक अकाउंट, पेंशन, सेविंग्स और रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालेंगे। दहशरा और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों से ठीक पहले होने वाले ये बदलाव खास महत्व रखते हैं। अगर आप इन नियमों को नजरअंदाज कर देंगे तो सीधा असर आपकी सेविंग्स, खर्च और निवेश योजनाओं पर पड़ सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि 1 अक्टूबर से कौन-कौन से नियम बदलने वाले हैं और इनका आप पर क्या प्रभाव होगा।
1. LPG, पेट्रोल-डीजल और सोने-चांदी के दाम
तेल और गैस कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर, CNG, PNG, पेट्रोल और डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं। 8 अप्रैल 2025 से घरेलू गैस सिलेंडर के दाम स्थिर हैं, लेकिन कमर्शियल सिलेंडरों में बार-बार बदलाव होते रहे हैं। ऐसे में त्योहारों से पहले 1 अक्टूबर को LPG की कीमतों में बदलाव संभव है। पेट्रोल और डीजल के दाम भी इसी तारीख से नए रेट पर उपलब्ध होंगे। सोने-चांदी के भाव में भी बदलाव देखा जा सकता है। यह सीधा असर आपके घरेलू बजट पर डालेगा।
2. रेलवे टिकट बुकिंग के नियम
भारतीय रेलवे ने IRCTC पर टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब 1 अक्टूबर से सामान्य आरक्षण टिकट बुकिंग के दौरान पहले 15 मिनट केवल आधार-वेरिफाइड अकाउंट धारकों को ही टिकट बुक करने की सुविधा मिलेगी। अभी तक यह नियम तत्काल टिकट पर लागू था, लेकिन अब इसे जनरल कैटेगरी पर भी लागू किया जा रहा है। यही नियम रेलवे स्टेशन की आरक्षण विंडो पर भी लागू होगा। इससे धोखाधड़ी और फर्जी बुकिंग पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
3. UPI पेमेंट में बड़ा बदलाव
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI में बड़ा बदलाव किया है। अब 1 अक्टूबर से “Pull Transaction” और “Collect Request” फीचर बंद कर दिया जाएगा। यानी अब आप UPI के जरिए किसी से पैसे मांग नहीं पाएंगे। यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी और फिशिंग रोकने के लिए उठाया गया है। दूसरी बड़ी राहत की खबर यह है कि UPI के जरिए लेन-देन की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है। इसके अलावा, UPI ऑटो-पे फीचर के तहत ग्राहकों को कई ऑफर भी मिलेंगे।
4. NPS में नया टियर सिस्टम और न्यूनतम राशि
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में भी 1 अक्टूबर से अहम बदलाव लागू हो रहे हैं। अब NPS में मासिक न्यूनतम योगदान ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000 कर दिया गया है। साथ ही नया टियर सिस्टम लागू होगा –
- Tier-1: इसमें टैक्स बेनेफिट और रिटायरमेंट फोकस दोनों मिलेंगे।
- Tier-2: इसमें कोई टैक्स लाभ नहीं होगा।
यह बदलाव पेंशन निवेशकों के लिए अहम साबित होंगे क्योंकि लंबी अवधि में योगदान और टैक्स बचत पर इसका असर पड़ेगा।
5. सरकारी पेंशन योजनाओं में बदलाव
अटल पेंशन योजना और सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में भी 1 अक्टूबर से नए नियम लागू होंगे। अब स्थायी रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) के लिए e-PRAN किट बनवाने पर 18 रुपये शुल्क देना होगा। साथ ही PFRDA ने NPS Lite योजनाओं की फीस स्ट्रक्चर को सरल बना दिया है। इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को ज्यादा पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।
6. ऑनलाइन गेमिंग पर सख्ती
भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करने के लिए नए नियम बनाए हैं। अब 1 अक्टूबर से सभी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इससे गेमिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा। साथ ही, गेम खेलने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा भी तय कर दी गई है। यह बदलाव युवाओं की सुरक्षा और ऑनलाइन गेमिंग में नैतिकता लाने के लिए किया गया है।
7. स्मॉल सेविंग स्कीम्स की नई ब्याज दरें
वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर-दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरें जारी कर दी हैं। लगातार सातवीं तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह दरें 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेंगी। इसमें पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी योजनाएं शामिल हैं।
8. RBI का नया चेक क्लियरिंग सिस्टम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चेक क्लियरिंग सिस्टम में बदलाव किया है। अब बैच क्लियरिंग की जगह कॉन्टिन्युअस क्लियरिंग सिस्टम लागू होगा। इससे चेक क्लियरेंस की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।
निष्कर्ष
1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले ये सभी बदलाव आम लोगों की जिंदगी में बड़ा असर डालेंगे। जहां एक ओर रेलवे टिकट बुकिंग में आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा, वहीं UPI लेन-देन की लिमिट बढ़ने से डिजिटल भुगतान और आसान हो जाएगा। NPS और पेंशन योजनाओं के नियम निवेशकों की लंबी अवधि की सेविंग्स को प्रभावित करेंगे। LPG और ईंधन के दाम बदलने से घर का बजट बिगड़ सकता है।
त्योहारों से ठीक पहले ये बदलाव आपके खर्च और सेविंग्स दोनों पर असर डालने वाले हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप इन नए नियमों की जानकारी रखें और अपनी वित्तीय योजनाओं को उसी हिसाब से अपडेट करें।