मुजफ्फरपुर: वर्षों से लंबित मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन परियोजना को अब नई दिशा मिलने जा रही है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और एलाइनमेंट को अंतिम रूप दिया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस 110 किलोमीटर लंबे फोरलेन के निर्माण के लिए 3000 करोड़ रुपये की लागत का प्राक्कलन प्रस्तुत किया था, जिसे स्वीकृति मिल गई है।
2027 तक होगा फोरलेन का काम पूरा
एनएचएआई के परियोजना निदेशक ललित कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य 2025 से शुरू होकर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल टेंडर की प्रक्रिया चल रही है, और जल्द ही एजेंसी का चयन कर काम शुरू किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की समस्या न्यूनतम है, क्योंकि एनएच-28 के लिए पहले से विभाग के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।
पुर्णिया की दूरी घटेगी, पश्चिम बंगाल का सफर होगा आसान
फोरलेन के निर्माण से मुजफ्फरपुर से पुर्णिया की दूरी घटकर मात्र तीन घंटे रह जाएगी, जबकि वर्तमान में यह यात्रा पांच घंटे का समय लेती है। बरौनी से पुर्णिया तक पहले से ही फोरलेन का काम जारी है, जिसके पूरा होने से पश्चिम बंगाल तक पहुंचना भी सुगम हो जाएगा। यह सड़क व्यापार, व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगी।
लंबी प्रतीक्षा के बाद मिली स्वीकृति
करीब आठ साल पहले इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, लेकिन डीपीआर और राशि आवंटन में देरी के कारण काम शुरू नहीं हो सका। डीपीआर को फाइनल करने में तीन साल से ज्यादा का समय लगा, जिसमें तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कई बार इसे अस्वीकृत किया गया था। अब सभी अड़चनों को पार करते हुए फोरलेन परियोजना को शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
अतिक्रमण की समस्या को जल्द किया जाएगा हल
फोरलेन के निर्माण में कुछ जगहों पर अतिक्रमण की समस्या है, जिसे जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से हल किया जाएगा। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
व्यापार और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन के निर्माण से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि इस क्षेत्र में व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी। फोरलेन के पूरा होने से पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच संपर्क बेहतर होगा, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।