बिहार

Smart Meter: पटना में स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी का अनोखा तरीका, एसटीएफ टीम ने किया पर्दाफाश

Smart Meter: बिहार की राजधानी पटना में बिजली चोरी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए पेसू (Patna Electric Supply Undertaking) ने हाल ही में शहर में बिजली चोरी को रोकने के लिए विशेष एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का गठन किया है। इस पांच सदस्यीय एसटीएफ टीम का मुख्य उद्देश्य बिजली की चोरी करने वालों को पकड़ना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। पेसू की इस पहल का उद्देश्य शहर में बिजली चोरी को शून्य तक लाना है, ताकि राज्य में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके और राजस्व का नुकसान रोका जा सके।

स्मार्ट मीटर में सेंसर लगाकर चोरी का नया तरीका

पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए थे, लेकिन अब बिजली चोरों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। हाल के छापों में पता चला है कि बिजली चोर स्मार्ट मीटर में सेंसर लगाकर रिमोट कंट्रोल के माध्यम से बिजली चोरी कर रहे हैं। एसटीएफ की छापेमारी में यह तकनीक सामने आई है, जिसे “रिमोटिंग” कहा जा रहा है। इस तकनीक का उपयोग करते हुए बिजली चोर स्मार्ट मीटर की रीडिंग को बाधित कर देते हैं और बिजली की खपत को कम या शून्य दिखा देते हैं।

10 में से 6 मामले इस तकनीक के

पटना में पिछले एक महीने में एसटीएफ ने 10 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है, जिनमें से 6 मामलों में इसी नई तकनीक का इस्तेमाल करके बिजली चोरी की गई थी। इन मामलों में बिजली चोर स्मार्ट मीटर को बायपास करके रीडिंग को बाधित कर देते हैं, जिससे मीटर खपत नहीं दिखाता और बिजली की चोरी सफल हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, बिजली चोरी करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया गया है। हाल ही में, पेसू ने दो अलग-अलग मामलों में छापेमारी कर दो व्यक्तियों पर क्रमशः 88,348 रुपये और 6,76,494 रुपये का जुर्माना लगाया।

राजद का विरोध: स्मार्ट मीटर हटाने की मांग

इसी बीच, स्मार्ट मीटर लगाने के खिलाफ राजद (राष्ट्रीय जनता दल) ने राज्य के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। राजद का मानना है कि स्मार्ट मीटर लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं और बिजली के बिल अनियंत्रित रूप से बढ़ रहे हैं। इस विरोध को तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का समर्थन मिला, जिन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्यव्यापी धरना देने की अपील की थी। इसी के तहत, राज्य के सभी प्रखंडों में राजद कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में शामिल होकर विरोध दर्ज कराया।

राजद का यह विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें स्मार्ट मीटर को अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश दिया गया था। राजद का तर्क है कि स्मार्ट मीटर से बिजली के बिलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस विरोध के जरिए राजद ने सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है कि वह स्मार्ट मीटर को हटाकर पुराने मीटर सिस्टम को फिर से लागू करे।

बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बावजूद, चोरी की नई-नई तकनीकों का उपयोग प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। पेसू द्वारा गठित एसटीएफ टीम की सक्रियता ने कुछ मामलों में सफलता पाई है, लेकिन राजद द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और बिजली आपूर्ति संस्थान इस चुनौती का समाधान कैसे निकालते हैं, और क्या स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहा विवाद थमता है या नहीं।

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