सीतामढ़ी. जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी को पर्यटन के क्षेत्र मे विश्व के मानस पटल पर लाने की एक भागरथी प्रयास शुरु किया गया है. अगर यह प्रयास सफल साबित होता है तो मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी में विश्व का सबसे बड़ा मूर्ति और माता सीता की प्रतिमा स्थापित की जायेगी.
यह मूर्ति 251 मीटर ऊंची होगी. रामायण रिर्सच काउंसिल नामक संस्था इस नेक प्रयास मे हमसफर साबित होगी. माता जानकी के जन्मस्थली सीतामढ़ी को विश्व के मानस पटल पर लाने के लिये इस परियोजना की शुरुआत होने वाली है.
इस परियोजना के लिए तकरीबन 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. जमीन दान में मिले संस्था के द्वारा यह प्रयास किया जायेगा. तकरीबन 400 करोड़ की इस योजना मे 251 मीटर ऊंची मूर्ति की परिधि में माता सीता के बाल्यकाल से लेकर स्वयंबर समेत सभी महत्वपूर्ण जीवनवृतों को 108 मूर्तियों के सहारे सजाने की कोशिश की जायेगी. इतना ही नहीं, नौका बिहार से पूरे स्थल को जोड़ा जायेगा साथ ही दूसरे पर्यटन सुविधाओं से भी इसको लैश करने की योजना है.
सीतामढ़ी के जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिन्टू ने बताया कि इस परियोजना को लेकर श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन किया गया है. सांसद सुनील कुमार पिन्टू ने बताया कि रामायण रिसर्च काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक परमहंस सांदीप्रेद्र जी महाराज इस परियोजना में पूरा सहयोग कर रहे हैं. योजना को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार की भी मंजूरी मिल चुकी है. सांसद सुनील कुमार पिन्टू ने बताया कि जन सहयोग से इस बड़े प्रोजेक्ट पर काम होगा.
सांसद ने कहा कि अगर राज्य और केन्द्र सरकार से मदद की जरुरत होगी तो माननीय प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से उनको पूरा सहयोग मिलेगा. सांसद ने कहा कि इस परियोजना मे इंटरप्रजेंटेशन सेन्टर ,लाईब्रेरी ,पार्किंग ,फूड प्लाजा, लैन्डस्केपिंग के साथ साथ पर्यटकों के लिये सभी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.