बिहार में जहरीली शराब की समस्या ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाया है। हाल ही में सारण जिले के छपरा में जहरीली शराब पीने से एक युवक की मौत हो गई, और दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। यह घटना मशरक प्रखंड के बराहींपुर गांव की है, जहां मंगलवार की रात कुछ लोगों ने शराब पी थी। इसके तुरंत बाद उनकी तबियत बिगड़ गई, जिसमें एक की जान चली गई और अन्य दो गंभीर रूप से बीमार हैं, जिनकी आंखों की रोशनी जा चुकी है।
इसी बीच, सारण की सीमा से सटे सीवान जिले के भगवानपुर प्रखंड के बेलासपुर गांव में भी तीन लोगों की संदेहास्पद मौतें हुई हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, कौड़ियां गांव में तीन लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, जिसमें से दो शव पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। बताया जा रहा है कि तीसरे शख्स के शव को उसके परिजनों ने जलाने का प्रयास किया। परिजनों का आरोप है कि ये मौतें भी जहरीली शराब पीने से हुई हैं।
इन घटनाओं की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए हैं। डीएम और एसपी ने घटनास्थलों का दौरा किया और जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन इलाके में बढ़ते आक्रोश और जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मामले की गहन छानबीन की जा रही है।
पटना में बुजुर्ग दंपति की संदिग्ध हत्या, मसाला पीसने के पत्थर से वार
बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद, अवैध शराब का व्यापार और खपत एक बड़ी समस्या बन चुका है। इससे पहले भी राज्य के कई जिलों में जहरीली शराब से मौतें हो चुकी हैं। प्रशासन ने शराबबंदी के सख्त नियम बनाए हैं, लेकिन अवैध रूप से बनने वाली जहरीली शराब की बिक्री पर रोक लगाने में मुश्किलें आ रही हैं। इन ताज़ा घटनाओं ने एक बार फिर राज्य में शराबबंदी कानून और उसके प्रभावी क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।