बिहार के सारण प्रमंडल में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के बाद पुलिस ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। इस घटना ने छपरा, सिवान और गोपालगंज जिलों को हिला कर रख दिया, जहां जहरीली शराब पीने से कई लोगों की जान चली गई। पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें इस आपराधिक कांड के मुख्य आरोपियों से लेकर छोटे स्तर के धंधेबाज भी शामिल हैं।
16 अक्टूबर को छपरा के मशरख और भगवानपुरहाट थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि सिवान में 28 और गोपालगंज में 2 लोगों ने अपनी जान गंवाई। घटना के तुरंत बाद एसआईटी ने छापेमारी शुरू कर दी। 19 अक्टूबर तक, पुलिस ने 14 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था, जिसमें मुख्य अभियुक्त मंटू सिंह और दीपक चौधरी शामिल हैं। पूछताछ के दौरान इन दोनों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के महेश गुप्ता नामक व्यक्ति से स्प्रिट की आपूर्ति होती थी, जिसे बाद में बिहार में अवैध शराब बनाने के लिए उपयोग किया जाता था।
शराब माफिया का खुलासा और गिरफ्तारी
मंटू सिंह अपने सहयोगियों रुदल मांझी, रजनीकांत, और मिथुन मांझी के साथ मिलकर अवैध शराब का धंधा चला रहा था। गिरफ्तार अभियुक्तों में महिलाओं की भी भागीदारी पाई गई, जिनमें माला देवी, कौशल्या देवी, नीतू सिंह, शारदा देवी, आभा कुमारी, और रामवती कुंवर शामिल हैं। इनके साथ गोलू कुमार, उमेश मांझी, और गणेश सिंह भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। आपूर्तिकर्ता महेश गुप्ता की भी गिरफ्तारी हो चुकी है, जो उत्तर प्रदेश से स्प्रिट की आपूर्ति करता था।
दो थाना प्रभारी निलंबित
इस मामले में पुलिस की नाकामी और प्रशासनिक लापरवाही को देखते हुए सारण के डीआईजी निलेश कुमार ने भगवानपुरहाट थाना के थाना प्रभारी और मशरख थाना के प्रभारी धनंजय राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कदम प्रशासन की ओर से अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
यूपी कनेक्शन और अन्य खुलासे
जहरीली शराब के मामले में यूपी कनेक्शन का भी खुलासा हुआ है। डीआईजी निलेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों से अवैध स्प्रिट की आपूर्ति की जाती थी। पुलिस ने यूपी के एक केमिकल स्टोर का भी पता लगाया है, जिसका लाइसेंस पहले ही रद्द हो चुका था। एसआईटी की टीमें इन राज्यों में भी कार्रवाई कर रही हैं और जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
डीआईजी निलेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और स्प्रिट की बड़ी मात्रा बरामद की है। जांच जारी है और जल्द ही अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।