बिहार के समस्तीपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रेम प्रसंग के बाद एक युवक को पकड़ौआ विवाह के तहत शादी के लिए मजबूर किया गया। यह घटना जिले के उगना-महादेव मंदिर में हुई, जहां प्रेमी युगल के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद मंदिर समिति और परिजनों के दबाव में उनकी शादी कराई गई। इस पूरी घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मंदिर परिसर में जुटे।
प्रेम कहानी और विवाद की शुरुआत
ताजपुर प्रखंड के निवासी प्रमोद कुमार साहनी और रौशनी कुमारी के बीच पिछले दो साल से प्रेम संबंध था। दोनों दूर के रिश्तेदार भी थे, और इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने थे। प्रमोद ने कई बार रौशनी से शादी करने का वादा किया था, लेकिन इसी बीच प्रमोद को भारतीय रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में भुवनेश्वर, उड़ीसा में नौकरी मिल गई। नौकरी लगने के बाद प्रमोद का व्यवहार बदल गया, और वह अपने वादे से मुकरने लगा।
दहेज की मांग और शादी से इनकार
नौकरी के बाद प्रमोद ने रौशनी से 10 लाख रुपये दहेज की मांग कर दी। जब रौशनी ने दहेज देने से इनकार किया तो प्रमोद ने शादी से भी मुकरना शुरू कर दिया। इन सबके बीच एक दिन दोनों विद्यापतिधाम मंदिर में मिले, जहां रौशनी ने प्रमोद से शादी करने का दबाव बनाया। लेकिन जब प्रमोद ने शादी से साफ इनकार कर दिया और भागने की कोशिश की, तो वहां मौजूद लोगों ने उसे रोक लिया। इसके बाद मंदिर परिसर में दोनों के बीच भारी ड्रामा हुआ, जिसके कारण स्थानीय लोग भी जुटने लगे।
परिजनों का हस्तक्षेप और पकड़ौआ विवाह
मामले की जानकारी दोनों के परिजनों को दी गई, जो तुरंत मंदिर पहुंचे। वहां परिजनों और मंदिर समिति के दबाव में दोनों की शादी कराई गई। यह शादी चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि बिहार में पकड़ौआ विवाह की पुरानी परंपरा है, जहां लड़के को जबरन पकड़कर शादी कराई जाती है। ऐसी शादियों में अक्सर दांपत्य जीवन तनावपूर्ण होता है, और इस शादी को लेकर भी ऐसी ही चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
पकड़ौआ विवाह और इसके परिणाम
बिहार में पकड़ौआ विवाह की घटनाएं अक्सर देखी जाती हैं, जहां लड़के को जबरन पकड़कर शादी कराई जाती है। इस तरह की शादियों में दूल्हा मर्जी के खिलाफ होता है और शादी के बाद दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते हो जाते हैं। प्रमोद और रौशनी की इस शादी को लेकर भी लोगों में इस बात की चर्चा है कि क्या यह शादी सफल होगी या नहीं।