पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) ने एनडीए गठबंधन से मिल रहे व्यवहार को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि आरएलजेपी, जो एनडीए के साथ लंबे समय से जुड़ी हुई है, उसे कमजोर करने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। एनडीए में अपनी उपेक्षा पर पार्टी ने सख्त रुख अपनाया है, और आगामी 19-20 नवंबर को एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें यह फैसला किया जाएगा कि पार्टी एनडीए में रहेगी या नहीं।
एनडीए पर सौतेले व्यवहार का आरोप
श्रवण अग्रवाल ने कहा कि एनडीए ने आरएलजेपी को लगातार नजरअंदाज किया है। उनकी पार्टी ने 2014 से एनडीए का समर्थन किया और गठबंधन को मजबूती दी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में कुछ नेताओं की वजह से पार्टी को कमजोर किया जा रहा है। प्रवक्ता ने चिराग पासवान पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि एक विशेष व्यक्ति के दबाव के चलते उनकी पार्टी के साथ गठबंधन में भेदभाव हो रहा है।
पार्टी कार्यालय का मुद्दा
पार्टी ऑफिस को खाली करने के संबंध में बिहार भवन निर्माण विभाग के आदेश ने विवाद को और भड़का दिया है। विभाग ने पार्टी को 1 नवंबर तक कार्यालय खाली करने का निर्देश दिया था, जिसके खिलाफ आरएलजेपी ने हाईकोर्ट में अपील की और 13 नवंबर तक के लिए स्टे हासिल किया। श्रवण अग्रवाल ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य सरकार से नया पार्टी कार्यालय आवंटित करने की गुहार लगाई है, क्योंकि 13 नवंबर की अंतिम तारीख करीब है और पार्टी के पास दूसरा विकल्प नहीं है।
19-20 नवंबर को होगी बड़ी बैठक
आरएलजेपी की 19 और 20 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें पार्टी प्रमुख पशुपति कुमार पारस सहित सभी बड़े नेता शामिल होंगे। इस बैठक में एनडीए के साथ गठबंधन जारी रखने या उससे अलग होने पर फैसला लिया जाएगा। पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि बिहार में एनडीए की एक अन्य बैठक बुलाई गई थी जिसमें आरएलजेपी के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया। ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि एनडीए के साथ रहना उनके लिए लाभकारी नहीं रहा है और इसका पुनः आकलन किया जाना चाहिए।
चिराग पासवान पर तंज
श्रवण अग्रवाल ने चिराग पासवान के रुख पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने की धमकी देता था, वह आज एनडीए का चहेता बन गया है और नीतीश कुमार की तारीफ कर रहा है। उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी को सतर्क करते हुए कहा कि चिराग पासवान के इस दोहरे रुख से उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।
आरएलजेपी की मांग
आरएलजेपी ने भवन निर्माण विभाग से निवेदन किया है कि क्षेत्रीय पार्टी होने के नाते उसे नया पार्टी कार्यालय आवंटित किया जाए। इस मुद्दे के चलते पार्टी में काफी नाराजगी है, और उनका मानना है कि एनडीए से जुड़े रहते हुए उनकी स्थिति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।