पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में दोषी करार दिए गए आरजेडी नेता और पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला ने पटना की अदालत में सरेंडर कर दिया है। सरेंडर से पहले शुक्ला काफी भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। उनके समर्थक और कार्यकर्ता भी इस नज़ारे को देखकर भावुक हो गए। इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
समर्थकों का भावुक समर्थन और विरोध का स्वर
जब मुन्ना शुक्ला अपने आवास से कोर्ट के लिए रवाना हुए, तो उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। एक लंबा काफिला गाड़ियों का उनके साथ कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट परिसर में पहुंचते ही शुक्ला ने कई बार अपने आंसू पोंछे और काफी भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि वह राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं, लेकिन न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं।
शुक्ला के समर्थकों ने इस घटना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चेतावनी के तौर पर देखा। उनके समर्थकों ने कहा कि मुन्ना शुक्ला के आंसू नीतीश कुमार के लिए “बुरे साबित होंगे”। उन्होंने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में लालगंज की जनता इसका बदला लेगी और नीतीश कुमार को इसके लिए महंगा भुगतान करना पड़ेगा।
बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड और सजा
13 जून 1998 को बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की पटना के IGIMS अस्पताल में हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत छह लोगों को दोषी करार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2023 को इस मामले में मुन्ना शुक्ला और अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर दोषियों को सरेंडर करने का आदेश दिया था, जिसके पालन में मुन्ना शुक्ला ने यह कदम उठाया।
सरेंडर से पहले की बैठक
कोर्ट में सरेंडर करने से पहले मुन्ना शुक्ला ने अपने पैतृक गांव में एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही वह जेल में होंगे, लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता कम नहीं होगी। शुक्ला ने दावा किया, “हम तो 20 साल तक मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री खेल चुके हैं। लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हमें जानते हैं, यह बहुत बड़ी बात है।” उनकी इस टिप्पणी को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कई मायने निकाल रहे हैं, खासकर आने वाले समय में उनकी राजनीतिक भूमिका को लेकर।
आगामी चुनावों पर असर
मुन्ना शुक्ला का यह सरेंडर और उनके आंसुओं का प्रभाव आगामी विधानसभा चुनावों पर देखने को मिल सकता है। उनके समर्थक इसे नीतीश सरकार के खिलाफ जनाक्रोश के रूप में देख रहे हैं और इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना सकते हैं। अब देखना होगा कि शुक्ला के इस सरेंडर के बाद बिहार की राजनीतिक फिजा में क्या बदलाव आते हैं और इसका विधानसभा चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है।