पटना

BIHAR: केके पाठक ने मना किया फिर भी पटना DM ने जारी किया छुट्टी का आदेश, अब मचा बवाल

बिहार में कंपकपाती ठंढ़ की वजह से स्कूलों में छुट्टी को लेकर शिक्षा सचिव केके पाठक और पटना जिलाधिकारी में ठन गई है. दरअसल केके पाठक ने आदेश दिया था कि ठंड की वजह से स्कूलों में छुट्टी नहीं होगी. केके पाठक के आदेश के बावजूद पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने स्कूलों में छुट्टी कर दी. कड़ाके की ठंढ़ को देखते हुए पटना डीएम ने सभी स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद रखने का निर्देश जारी किया है.

इधर शिक्षा विभाग ने पत्र लिखकर राज्य के सभी स्कूलों को खोलने का आदेश जारी कर दिया है. इस बात को लेकर भी आपत्ति जताई गई है कि स्कूलों में छुट्टी शिक्षा विभाग ही तय करेगा. वहीं पटना डीएम ने शिक्षा विभाग को लंबा चौड़ा पत्र लिखकर तमाम संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए बताया है कि डीएम का ये विशेषाधिकार होता है कि किसी भी विपरित परिस्थितियों में कोई कानून संगत फैसला ले सके. इसमें किसी की हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है.

DM ने शिक्षा निदेशक को लिखा पत्र

पटना डीएम चंद्रशेखऱ ने शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह को लिखे पत्र में कहा है पटना जिला में शीतलहर और कम तापमान जारी रहने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. ऐसे में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत पटना जिला के सभी निजी और सरकारी विद्यालयों (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं कोचिंग सेंटरों) में कक्षा 8वीं तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. कक्षा 9वीं से ऊपर की शैक्षणिक गतिविधियों को पर्याप्त सावधानी के साथ जारी रखा गया है.

DM के पास है अधिकारी

पटना के डीएम चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत जिला दंडाधिकारी को स्कूल बंद करने का आदेश देने पर्याप्त अधिकार है. डीएम ने अपने पत्र में सीआरपीसी की धाराओं के तहत मिले अधिकार की विस्तृत चर्चा की है. डीएम चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि यदि कोई भी जिलाधिकारी के आदेश की जानबूझ कर अवहेलना करता है औ इससे मानव जीवन, स्वास्थ्य, या क्षेम को संकट होता है तो 6 महीने की जेल औऱ एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

नहीं है विभाग की अनुमित लेने का प्रावधान

पटना डीएम ने शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि जिले में अत्यधिक कम तापमान और शीतलहर के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन के खतरे में पड़ने की प्रबल संभावना है. ऐसे में जिला दण्डाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों के तहत न्यायिक आदेश निर्गत किया गया है. इसमें शिक्षा विभाग की अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है और न ही किसी गैर-न्यायिक आदेश या पत्र से इस आदेश को बदला जा सकता है. इसकी समीक्षा कोई सक्षम न्यायालय द्वारा ही की जा सकती है.

डीएम ने कहा है कि इसके बावजूद शिक्षा निदेशक का पत्र लिख कर स्कूलों को खोलने का आदेश जारी करना उनके अधिकार से बाहर है. वह आदेश कानून के खिलाफ और अप्रासंगिक है. अगर जरूरी हो तो इसके लिए शिक्षा विभाग कानूनी राय ले सकता है. डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस पत्र की कॉपी भेजते हुए स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद रखने का आदेश मानने को कहा है.

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