पटना. सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने अब तक की जांच के बाद एक और बड़ी कार्रवाई की है. आर्थिक अपराध इकाई ने पटना में अपने ही थाने में एक नई प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें आधा दर्जन से अधिक सोशल मीडिया इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप के संचालक और अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
इस बात की पुष्टि आर्थिक अपराध इकाई मुख्यालय की तरफ से की गई है. दरअसल सिपाही भर्ती की परीक्षा के दरम्यान पिछले महीने प्रश्नपत्र लीक हुआ था. पटना बेगूसराय, सारण और भोजपुर समेत कई जिलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 74 FIR दर्ज किए थे. इन केसों को आर्थिक अपराध इकाई ने टेक ओवर कर लिया था.
केस की जांच के साथ साथ पेपर लीक मामले में साक्ष्य जुटाने के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने एक टॉल फ्री नंबर और एक ईमेल आईडी जारी किया था. आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों की माने तो आर्थिक अपराध इकाई को इन दोनों ही माध्यमों से बहुत महत्वपूर्ण इनपुट मिले है. इनपुट की गहराई से समीक्षा की गई. इसके बाद पटना में आर्थिक अपराध इकाई ने अलग से FIR नंबर 16/2023 दर्ज किया है. इस केस की जांच की जांच का जिम्मा डीएसपी स्तर के एक अधिकारी को सौंपा गया है. सूत्रों की माने तो डीएसपी के नेतृत्व में गठित टीम आने वाले दिनों में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कई लोगों से पूछताछ कर सकती है.
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गौरतलब है कि 1, 7 और 15 अक्टूबर को केंद्रीय चयन पर्षद द्वारा सिपाही भर्ती परीक्षा की होनी थी. 1 अक्टूबर को परीक्षा से 2 घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र वायरल होने लगा था. परीक्षा में नकल करते कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. इसके बाद केंद्रीय चयन पर्षद ने 1 अक्टूबर की परीक्षा को रद्द कर दिया था. साथ ही साथ 7 और 15 अक्टूबर को होनी वाली परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा था. विपक्ष ने भी सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाये थे.