पटना, 5 अक्टूबर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित जनता दल यूनाइटेड (JDU) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में अपने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए और पार्टी का चुनावी एजेंडा तय किया। प्रदेश जेडीयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में 220 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रदेश के समग्र विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब 2005 में उनकी सरकार बनी थी, तब से राज्य के हर क्षेत्र में निरंतर विकास का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण में हमने अहम योगदान दिया है, जिससे राज्य का विकास हुआ है और यह सिलसिला लगातार जारी है।”
विकास की दिशा में निरंतर प्रयास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जब उनकी सरकार बनी, तब राज्य की स्थिति बहुत दयनीय थी। पटना जैसे बड़े शहर में भी लोग शाम होते ही घरों से बाहर निकलने में डरते थे। उस समय शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था भी खराब थी, और सड़कों की स्थिति जर्जर थी। लेकिन उनकी सरकार ने इन सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार किए और राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए और सड़कों व पुलों के निर्माण में तेजी लाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी वर्गों और समुदायों के हित में काम किया है। कानून व्यवस्था में सुधार कर राज्य में शांति और सुरक्षा का वातावरण बनाया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भी उनकी सरकार ने विशेष काम किए, जिसमें 2006 से कब्रिस्तानों की घेराबंदी की पहल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कहीं कोई सांप्रदायिक विवाद नहीं हो रहा है। इसी तरह, 2016 से राज्य में पुराने मंदिरों की चारदीवारी का निर्माण भी प्रारंभ हुआ।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
नीतीश कुमार ने महिलाओं के विकास के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और 2007 में नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसके अलावा, पुलिस भर्ती में 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया, जिससे राज्य पुलिस में महिलाओं की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक हो गई है। 2016 में महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जो महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने ‘जीविका’ परियोजना का भी उल्लेख किया, जो महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत वर्तमान में राज्य में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 1 करोड़ 31 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार
नीतीश कुमार ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाया है और अब वहां प्रति माह 11 हजार से अधिक मरीजों का इलाज होता है। इसके अलावा, राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है और पीएमसीएच को 5462 बेड वाले अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है, जिसमें आधे से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।
रोजगार और बुनियादी ढांचे का विकास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले चार वर्षों में 24 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का लक्ष्य 10 लाख और लोगों को रोजगार देना है। उन्होंने 2020 में 10 लाख नौकरियों का वादा किया था, जिसमें से 7 लाख 16 हजार लोगों को नौकरी दी जा चुकी है।
इसके साथ ही, नीतीश कुमार ने ‘सात निश्चय’ योजना का उल्लेख किया, जो उनकी सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इसके तहत बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया गया है और राज्य के हर कोने तक विकास कार्यों को पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
विपक्ष पर हमला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि 2005 के पहले बिहार की हालत बदतर थी और तब की सरकार ने सिर्फ अपने परिवार के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। लेकिन उनकी सरकार ने सभी वर्गों और समुदायों के विकास के लिए काम किया है। उन्होंने कहा, “बिहार मेरा परिवार है, और इसके विकास के लिए मैं समर्पित हूं।”
2025 में NDA को 220 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के अंत में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि NDA को 220 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे राज्य के विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाएं और लोगों को बताएं कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति क्या थी और अब कितना बदलाव आया है।
नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि 2005 से अब तक राज्य में कई कॉलेज, विश्वविद्यालय और संस्थान स्थापित किए गए हैं। शराबबंदी के बाद बिहार में 90 प्रतिशत लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है, जो समाज में एक बड़ा बदलाव है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस संबोधन से यह स्पष्ट हो गया है कि JDU और NDA ने 2025 के चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है और वे अपने विकास कार्यों के आधार पर जनता का समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।