पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गुरुवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नियोजित शिक्षकों के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। इन निर्णयों के तहत शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए पांच मौके दिए जाएंगे। इसके अलावा, वेतनमान में भी बदलाव करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस बैठक में कुल 43 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिनमें से बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024 प्रमुख है।
सक्षमता परीक्षा के लिए बढ़ाए गए मौके
अब तक नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए तीन मौके मिलते थे। नई नियमावली के तहत इसे बढ़ाकर पांच कर दिया गया है। यह कदम शिक्षकों को अतिरिक्त अवसर देकर उनकी योग्यता साबित करने में मदद करेगा। शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद उनकी सेवा स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वर्तमान में उनकी औपबंधिक नियुक्ति की गई है, और प्रमाण पत्रों की जांच के बाद उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाएगी।
जहां कार्यरत, वहीं देंगे योगदान
नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि शिक्षक उसी स्कूल में योगदान देंगे, जहां वे पहले से कार्यरत हैं। इससे विद्यालयों में शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी और स्कूलों में शिक्षकों की स्थिरता सुनिश्चित होगी।
वेतन में सुधार की अधिसूचना जल्द
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि नए वेतनमान को लेकर अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को नया वेतनमान दिया जाएगा। इस कदम से शिक्षकों को आर्थिक लाभ मिलेगा और उनकी सेवाओं को बेहतर मान्यता मिलेगी।
गैर-सरकारी कार्य पर होगी कार्रवाई
नियमावली के तहत शिक्षकों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। यदि शिक्षक गैर-सरकारी कार्यों में संलग्न पाए जाते हैं, स्कूल में उपस्थिति दर्ज कर गायब रहते हैं, या स्थानीय राजनीति में भाग लेते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वे ऐसी शिकायतों की जांच कर संबंधित शिक्षक का तबादला पास के स्कूल में कर सकें।
जिला और राज्य स्तर पर तबादला
जिलाधिकारी यदि किसी शिक्षक के कार्य या व्यवहार को सरकारी कार्यों के अनुकूल नहीं पाते हैं, तो वे शिक्षा निदेशक से उस शिक्षक का जिला बदलने की सिफारिश कर सकते हैं। निदेशक इस सिफारिश के आधार पर तबादला कर सकते हैं। यह प्रावधान शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ाने और उनकी कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
शिकायतों के खिलाफ अपील का अधिकार
यदि किसी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो उन्हें अपील का अधिकार दिया गया है। शिक्षक जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ शिक्षा निदेशक के पास अपील कर सकते हैं। यदि निदेशक का निर्णय संतोषजनक नहीं होता, तो वे सचिव के पास अपील कर सकते हैं। सचिव का निर्णय अंतिम होगा।
ढाई लाख से अधिक शिक्षक आएंगे नियमावली के दायरे में
प्रदेश में नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या 3,39,143 है, जिनमें से 2,53,534 शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास कर चुके हैं। लगभग 80,000 और शिक्षक इस परीक्षा में शामिल होंगे। इन सभी को नई नियमावली के दायरे में लाया जाएगा, जिससे शिक्षकों की सेवाओं में सुधार होगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
यह निर्णय नीतीश सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और शिक्षकों की स्थिति बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नई नियमावली से शिक्षकों को न केवल अतिरिक्त मौके मिलेंगे, बल्कि उनकी पेशेवर जिम्मेदारियां भी स्पष्ट होंगी। साथ ही, यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।