हड़ताल के कारण अस्पतालों में मुश्किलें
नवादा जिले के विभिन्न पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), अनुमंडलीय अस्पताल और सदर अस्पताल परिसर में एंबुलेंस खड़ी होने के बावजूद, मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। एंबुलेंस सेवा बंद होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को निजी एंबुलेंस सेवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ रहा है। खासकर इमरजेंसी स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में बड़ी परेशानी हो रही है।
हड़ताल की मुख्य वजहें
इस हड़ताल की प्रमुख वजह कर्मियों को पिछले चार महीने से वेतन का भुगतान न होना है। एंबुलेंस चालक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि जिले में एंबुलेंस संचालन के लिए एक नई कंपनी का आगमन हुआ है, जिसने कर्मचारियों की छंटनी करना शुरू कर दिया है और नई भर्ती भी की जा रही है। इसके चलते कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने का डर सताने लगा है। इसके अलावा, कई एंबुलेंस में तेल का कूपन भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे कई एंबुलेंस पहले से ही बंद पड़ी हैं।
कर्मियों की मांगें और प्रशासन की प्रतिक्रिया
कर्मियों ने अपनी 6 सूत्री मांगें प्रशासन के सामने रखी हैं, जिनमें वेतन भुगतान के साथ-साथ उनकी नौकरी की सुरक्षा की गारंटी और एंबुलेंस के संचालन के लिए उचित संसाधन उपलब्ध कराने की मांग शामिल है। प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है, जिससे यह हड़ताल और लंबी चलने की संभावना बनी हुई है।
इस हड़ताल के चलते नवादा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ रहा है और मरीजों को समय पर चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कब तक निकालता है ताकि एंबुलेंस सेवाएं फिर से सुचारू रूप से चल सकें।
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