नालंदा, बिहार: बिहार के नालंदा जिले में सिपाही भर्ती का रिजल्ट न आने से आहत एक 20 वर्षीय युवती ने आत्मघाती कदम उठाते हुए पहाड़ से छलांग लगा दी। मामला गुरुवार, 14 नवंबर का है, जब नालंदा जिले के लहेरी थाना क्षेत्र स्थित हिरण पर्वत से अन्नू कुमारी नामक युवती ने लगभग 35-40 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। हालांकि, युवती का यह प्रयास विफल रहा क्योंकि वह बीच में ही एक चट्टान पर फंस गई, जिससे उसकी जान बच गई। स्थानीय लोगों की सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उसका सफल रेस्क्यू किया गया।
अन्नू कुमारी, जो हरनौत थाना क्षेत्र के हरनौत गांव की निवासी है, ने सिपाही भर्ती की परीक्षा दी थी। इसी दिन, पुलिस विभाग द्वारा परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया, जिसमें अन्नू का नाम शारीरिक परीक्षा के लिए चयनित उम्मीदवारों में नहीं था। इस बात से अन्नू काफी तनावग्रस्त हो गई और उसने यह खतरनाक कदम उठाने का निर्णय कर लिया। परिजनों के अनुसार, रिजल्ट देखने के बाद अन्नू का व्यवहार अचानक बदल गया और वह बिना कुछ कहे घर से बाहर निकल गई। परिवार वालों ने उसका पीछा किया और हरनौत से बिहारशरीफ तक आते-आते उसे खोजने का प्रयास किया।
इस बीच अन्नू ने परिजनों को चकमा दिया और हिरण पर्वत की ओर चली गई। पहाड़ पर पहुंचकर उसने किसी से कुछ कहे बिना वहां से छलांग लगा दी। गिरते ही उसने जोर से चिल्लाना शुरू किया, जिससे आसपास मौजूद लोगों को घटना का पता चला। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही लहेरी थाना क्षेत्र के दारोगा दिनेश कुमार शाह अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायल अन्नू को सुरक्षित रेस्क्यू कर पहाड़ से नीचे उतारा। पुलिस के अनुसार, अगर अन्नू बीच में फंसी नहीं होती, तो उसकी जान को गंभीर खतरा हो सकता था। उन्हें तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। अस्पताल में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और डॉक्टरों ने कहा कि फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, लेकिन चोटें गंभीर हैं।
परिवार और समाज पर इस घटना का प्रभाव
परिजनों ने बताया कि अन्नू लंबे समय से पुलिस में भर्ती होने के सपने देख रही थी। वह लगातार अपनी तैयारी में जुटी थी, लेकिन रिजल्ट के इस झटके ने उसे अंदर से तोड़ दिया। इस घटना ने समाज में भी चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं को ऐसी असफलताओं के प्रति मानसिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि वे जीवन के हर मोड़ पर मजबूती से खड़े रह सकें।
मानसिक तनाव से निपटने की आवश्यकता
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक तनाव और असफलता का सामना करने के लिए युवाओं को उचित मार्गदर्शन की जरूरत है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में युवाओं पर अत्यधिक दबाव होता है, और जब उन्हें असफलता का सामना करना पड़ता है, तो वे अक्सर ऐसे आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं। परिवार, शिक्षकों और समाज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे कठिन समय में युवा अकेले महसूस न करें और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।