मुजफ्फरपुर (बिहार): बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से रेलवे की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। गायघाट प्रखंड के सुबास केशो निवासी राजन झा ने दावा किया है कि रेलवे की गलती के कारण वे अपने सास-ससुर के साथ प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के लिए नहीं जा सके।
राजन झा ने 27 जनवरी को मुजफ्फरपुर से प्रयागराज के लिए ट्रेन की टिकट बुक की थी। वे समय पर स्टेशन पहुँचे, लेकिन जब ट्रेन आई तो बोगी का दरवाज़ा अंदर से बंद मिला। काफी कोशिशों के बाद भी वे ट्रेन में चढ़ नहीं पाए। उन्होंने रेलवे प्रशासन से इसकी शिकायत की, मगर अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
उपभोक्ता आयोग में दाखिल किया गया परिवाद
राजन झा ने इस लापरवाही को लेकर मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा की मदद से मुजफ्फरपुर उपभोक्ता आयोग में भारतीय रेलवे के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। उन्होंने 50 लाख रुपये मुआवज़ा मांगा है, यह कहते हुए कि 144 सालों के बाद महाकुंभ का आयोजन हुआ था और मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करना उनके जीवन का महत्वपूर्ण क्षण था।
रेलवे अधिकारियों को भेजा गया नोटिस
इस मामले में आयोग ने स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, डीआरएम (सोनपुर रेल मंडल), जीएम (ईस्ट सेंट्रल रेलवे), और भारतीय रेलवे के अध्यक्ष एवं CEO को नोटिस जारी किया है।
9 जुलाई को अगली सुनवाई
इस परिवाद की अगली सुनवाई 9 जुलाई 2025 को तय की गई है। आयोग ने सभी पक्षों को सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
रेलवे की जिम्मेदारी तय
अधिवक्ता एसके झा ने कहा कि यात्रियों को सुरक्षित और समय पर पहुंचाना रेलवे की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है और इससे यात्रियों की धार्मिक आस्था भी प्रभावित हुई है.