मुजफ्फरपुर

ठंड से स्कूली बच्चों की मौत, केके पाठक सहित 3 के खिलाफ परिवाद दर्ज, सुनवाई अगले महीने

मुजफ्फरपुर. बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद सभी स्कूल का संचालन लगातार जारी है. दो-तीन दिन पूर्व बिहार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने एक पत्र जारी कर सभी शिक्षा पदाधिकारियों और जिलाधिकारियों को यह निर्देश कर दिया था कि किसी भी सूरत में स्कूल में छुट्टी नहीं होगी. इसको लेकर बिहार के पटना में डीएम और शिक्षा विभाग के सचिव के के पाठक के बीच विवाद भी चल रहा है. इसी दौरान बुधवार को मुजफ्फरपुर में ठंड से एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई, वहीं अन्य जिले में भी कई बच्चों की मौत हुई है तो कई बच्चे बीमार हैं.

इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, संयुक्त सचिव कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव और मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह के खिलाफ अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में कोर्ट परिवाद दर्ज कराया है. इसमें परिवादी के द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि अमानवीय तरीके से इतनी जबरदस्त सर्दी के बावजूद स्कूल को खोल रखना और जबरन बच्चों को बुलाना एक सोची समझी साजिश और यह बड़ा अपराध है.

वादी का आरोप है कि जो भी बच्चे मृतक है ठंड के कारण मृत्यु का सारा श्रेय इन सभी अधिकारियों को जाता है. तीनों अभियुक्त इस पूरे घटनाक्रम के दोषी हैं. कोर्ट ने इस शिकायत को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 3 फरवरी मुकर्रर की है. मालूम हो कि केके पाठक के स्कूल खोले जाने वाले फैसले से विभाग के लोग भी हैरान और परेशान हैं.

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बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश के बाद कड़ाके की ठंड में भी सभी स्कूलों को खोलना मजबूरी है. इस बीच बिहार में शिक्षक संघ में सरकार के फैसले पर कड़ा आक्रोश जताया है. आपको बता दें कि 29 जनवरी तक राज्य में शीतलहर को लेकर रेड अलर्ट है, ऐसे में अब स्कूल के शिक्षकों ने भी जिलाधिकारी से अपील की है कि वो स्कूलों को बंद करें ना कि मजबूर बनें. शिक्षक संघ ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारी से अपने पावर को इस्तेमाल करने की अपील की है. आपको बता दें कि ठंड के बावजूद भी बिहार में सरकारी और निजी दोनों स्कूल खुले हैं.
भीषण ठंड से स्कूली बच्चों की मौत हो ही है. शिक्षक संघ का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ-साथ शिक्षक भी बीमार हो रहे हैं. शिक्षा विभाग को संघ ने संवेदनहीन विभाग बताते हुए बच्चों की मौत का गुनहगार बताया है और कहा कि एक अधिकारी की जिद से बिहार में शिक्षक और छात्र दोनों ही संकट में हैं. शिक्षक संघ ने सीएम नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद संज्ञान लें नहीं तो अब संग्राम होगा.

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