बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग और भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, सादतपुर के बीच शैक्षणिक गतिविधियों के आदान-प्रदान को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान संबंधी सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। इस समझौते पर विश्वविद्यालय भूगोल विभाग की अध्यक्ष डॉ. रूपा कुमारी और भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सचिव डॉ. ललित किशोर ने हस्ताक्षर किए।
समझौते के अंतर्गत साझा सेमिनार, कार्यशालाएं, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जो न केवल छात्रों बल्कि दोनों संस्थानों के शिक्षकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। डॉ. रूपा कुमारी ने बताया कि इस समझौते से शोध के विविध आयामों पर जानकारी का आदान-प्रदान संभव होगा, जिससे विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और शैक्षणिक गुणवत्ता के क्षेत्र में इस साझेदारी से नए अवसर खुलेंगे।
भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सचिव, डॉ. ललित किशोर ने समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों संस्थाओं की शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि इस एमओयू के माध्यम से छात्रों और संकाय सदस्यों को अनुसंधान परियोजनाओं पर सहयोग करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के अवसर प्राप्त होंगे। इसके साथ ही साझा लेक्चर प्रोग्राम का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करेंगे।
इस साझेदारी का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता फैलाना और इससे जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देना है। दोनों संस्थान मिलकर पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यशालाओं और जागरूकता अभियानों का आयोजन करेंगे, जिससे न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी योगदान मिलेगा।
इस अवसर पर भूगोल विभाग और भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के कई प्रतिष्ठित संकाय सदस्य और शोधार्थी उपस्थित थे। डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. शिरीन हयात, डॉ. अल्पना ज्योति, डॉ. नीलांबरी गुप्ता, डॉ. राजेश्वर राय, सुरेश चौपाल, दिनेश कुमार सिन्हा, सुधीर पासवान समेत कई विद्वानों ने इस समझौते का स्वागत किया और इसे एक सकारात्मक कदम बताया।
शोधार्थी छात्रों ने इस समझौते को एक बेहतरीन अवसर के रूप में देखा है, जिससे उन्हें अपने शोध कार्यों को और प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। इस समझौते से न केवल छात्रों को बल्कि संकाय सदस्यों को भी एक साथ मिलकर अनुसंधान और शिक्षण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।
यह एमओयू आने वाले समय में शैक्षणिक और अनुसंधान के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगा और छात्रों के साथ-साथ समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।