MOTIHARI: आज, 05 दिसंबर 2024 को महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा के अंतर्गत पीसीपीएनडीटी एक्ट (पूर्व गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) पर अनुमंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अरेराज प्रखंड सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी श्री अरुण कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास निगम की जिला मिशन समन्वयक निधि कुमारी और जिला परियोजना प्रबंधक वीरेंद्र राम ने किया। इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री आदित्य नारायण दीक्षित ने कहा कि बिहार में घटते लिंग अनुपात की समस्या गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं का लिंग परीक्षण न कराने के लिए व्यापक जागरूकता फैलाने पर बल दिया और लिंग आधारित हिंसा को रोकने के उपाय सुझाए।
कार्यशाला में मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनी ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि लिंग परीक्षण करना और कराना, दोनों ही दंडनीय अपराध हैं, जिसमें पांच साल तक की सजा और ₹50,000 से ₹1,00,000 तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने लिंग अनुपात में गिरावट के लिए अशिक्षा को प्रमुख कारण बताया।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अरेराज और संग्रामपुर ने बाल विवाह निषेध अधिनियम और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी दी। वहीं, जिला परियोजना प्रबंधक (WCDC) ने महिला हेल्पलाइन 181, वन स्टॉप सेंटर, आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112, और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।
जिला मिशन समन्वयक (DHEW) ने कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न रोकने के लिए बनाए गए POSH अधिनियम 2013 की चर्चा की और शिकायत दर्ज कराने के लिए “She Box” पोर्टल का उपयोग करने का सुझाव दिया।
कार्यशाला में अरेराज अनुमंडल के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, केंद्र प्रशासक (OSC), लेखा सहायक (DHEW), सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधक (जीविका), लेडी सुपरवाइजर और सेविकाओं ने भाग लिया।
यह कार्यशाला लिंग आधारित भेदभाव और महिलाओं के प्रति हिंसा को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने और समाज को प्रेरित करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास साबित हुई।