DESK: बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में मोतिहारी जिले के झखिया गांव में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सिविल कोर्ट के सरकारी क्लर्क, उसकी पत्नी और पूर्व जिला परिषद सदस्य की बेटी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने अपने घर के बेडरूम को शराब का गोदाम बना रखा था, जहां भारी मात्रा में शराब छिपाई गई थी।
पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना
यह मामला मोतिहारी के बंजरिया थाना क्षेत्र का है। झखिया गांव के निवासी बाबूलाल सहनी, जो एक सिविल कोर्ट में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं, अपने घर में अवैध शराब का धंधा चला रहे थे। मोतिहारी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बाबूलाल सहनी के घर से शराब की तस्करी की जा रही है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा।
शराब बरामद और गिरफ्तारियां
मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि पुलिस की टीम ने छापेमारी के दौरान बाबूलाल सहनी के घर से लगभग 34 लीटर विदेशी शराब और 70 लीटर देसी शराब बरामद की। शराब को बड़ी चतुराई से बेडरूम के बॉक्स के नीचे छिपाकर रखा गया था। मौके पर ही बाबूलाल सहनी, उनकी पत्नी और पूर्व जिला परिषद सदस्य की बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपियों ने किया अपराध कबूल
छापेमारी के दौरान आरोपियों ने पुलिस के सामने शराब के अवैध कारोबार में शामिल होने की बात कबूल की। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ शराबबंदी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शराबबंदी पर सवाल
इस घटना ने बिहार में शराबबंदी की प्रभावशीलता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। झखिया गांव, जो पहले से ही शराब के अवैध कारोबार के लिए कुख्यात है, इस घटना के बाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि वे इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सतर्क हैं और नियमित छापेमारी करते रहते हैं।
स्थानीय प्रशासन की चुनौतियां
मोतिहारी जिले में शराबबंदी के बावजूद इस तरह की घटनाएं प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। पुलिस ने इस घटना को अपनी बड़ी सफलता बताया है और यह भरोसा दिलाया है कि अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
यह घटना यह दर्शाती है कि शराबबंदी को लागू करना और इसे पूरी तरह से प्रभावी बनाना अभी भी एक जटिल समस्या बनी हुई है।